चीन-पाक की नापाक चाल नाकाम, बंगाल की खाड़ी में पाकिस्तानी युद्धपोत के घुसने पर ढाका ने लगाई रोक

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पाकिस्तान का सदाबाहर दोस्त चीन इस वक्त दुनिया के कई छोटे देशों को अपनी कर्ज जाल में फंसा रहा है। चीन की कर्ज जाल में पाकिस्तान भी है और श्रीलंका की तरह यहां भी स्थिति दिन ब दिन बदतर होती नजर आ रही है। इसके साथ ही बांग्लादेश में आर्थिक भूचान देखने को मिल रहा है। इस बीच खबर है कि, चीन निर्मित पाकिस्तानी युद्धपोत तैमूर को अपने यहां रुकने से बांग्लादेश ने मना कर दिया है। जिसके बाद इसे कोलंबो ने शरण दिया है।</p>
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ये युद्धपोत इन दिनों शंघाई से कराची की यात्रा पर है। इसे शंघाई में हुडोंग-झोंगहुआ शिपयार्ड द्वारा निर्मित किया गया है और यह युद्धपोत 24 जून को शंघाई से निकला है, जो रास्ते में कंबोडियन और मलेशियाई नौसेनाओं के साथ एन-रूट अभ्यास करते हुए पाकिस्तान की अपनी पहली यात्रा पर है। इस बीच युद्धपोत ने ढाका में रूकने की इजाजत मांगी थी। लेकिन बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने युद्धपोत को रूकने की इजाजत नहीं दी। जिसके बाद श्रीलंका ने इस मिसाइल युद्धपोत पीएनएस तैमूर को कोलंबो में पोर्ट करने की अनुमति दी है।</p>
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एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, पाकिस्तानी युद्धपोत के 12 से 15 अगस्त के बीच कोलंबो बंदरगाह पर होने की उम्मीद है। श्रीलंका ने पाकिस्तानी निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट को कोलंबो में एक पोर्ट कॉल करने की अनुमति दी थी। इससे पहले पाकिस्तानी युद्धपोत को बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने 7-10 अगस्त से चटग्राम बंदरगाह पर पोर्ट कॉल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारत के करीबी सहयोगी बांग्लादेश ने पीएनएस तैमूर को अनुमति देने से इनकार कर दिया क्योंकि अगस्त शेख हसीना के लिए शोक का महीना है। इसी महीने उनके पिता, शेख मुजीब-उर-रहमान, जिन्हें प्यार से बंगबंधु भी कहा जाता है, की हत्या पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी ने की थी।</p>
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शेख हसीना ने स्पष्ट किया कि उनके पिता और परिवार को पाकिस्तान के इशारे पर मौत के घाट उतारा गया था। सिर्फ इतना ही नहीं, कंट्टरपंथी इस्लामी ताकतों ने 2000 में प्रधानमंत्री के रूप में और 2004 में आवामी लीग के अध्यक्ष के रूप में शेख हसीना की भी हत्या का प्रयास किया था।</p>
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बता दें कि, PNS तैमूर चीन में निर्मित चार प्रकार के 054 A/P फ्रिगेट्स में से दूसरा है। जिसे चीन ने 23 जून 2022 को पाकिस्तान को सौंपा था। इस वर्ग का पहला जहाज PMNS तुगरिल है और इसे 24 जनवरी, 2022 को कमीशन किया गया था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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