अंतर्राष्ट्रीय

जिनपिंग विरोधी प्रदर्शन की गूंज America तक, लोगों ने कहा- चीन को आजाद करो

Covid-19 Protest in China: चीन की जनता इस वक्त सड़कों पर है। सरकार की सख्त जीरो कोविड पॉलिसी (Covid-19 Protest in China) ने लोगों को ऐसा करने से मजबूर कर दिया है। चीन की शी जिनपिंग सरकार अपनी मनमानी खूब चलाती है। जो मन में आता है वो करती है। जनता के हित में सही फैसला है या नहीं इससे कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि, चीन की जीरो कोविड पॉलिसी ने कई लोगों को जान ले ली। लोग अपने ही घरों में एक कैदी की तरह महसूस करने लगे। अब चीनी नागरिगों ने अत्याचार बहुत सह लिया अब वो सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। चीनी प्रदर्शनकारियों (Covid-19 Protest in China) का कहना है कि, शी जिनपिंग सत्ता तुरंत छोड़ दें। अब ये प्रदर्शन अमेरिका तक पहुंच गया है। इन प्रदर्शनों के समर्थन में अमेरिका में व्हाइट हाउस (Covid-19 Protest in China) के पास रविवार को करीब 200 लोगों ने एकत्रित होकर मोमबत्तियां जलाईं और चीन को आजाद करो के नारे लगाए।

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अमेरिका तक पहुंची प्रदरश्न की गूंज
फ्रीडम प्लाजा में प्रदर्शनकारियों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी सरकार से सत्ता छोड़ने की मांग करते हुए कहा, कोई तानाशाही नहीं, कोई सेंसरशिप नहीं। कुछ लोग हाथ में कोरे कागज लिए नजर आए, जो पार्टी की व्यापक सेंसरशिप के विरोध के प्रतीक थे। कुछ ने चीन को आजाद करो के नारे लगाए। चीन के उरुमची शहर में 25 नवंबर को आग की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुए।

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उइगर भी प्रदर्शन में हुए शामिल
अधिकरियों ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि संक्रमण संबंधी पाबंदियों के कारण दमकल कर्मियों या लोगों को वहां से निकलने नहीं दिया गया। हालांकि संक्रमण को फैलने से रोकने की पाबंदियों से पहले ही परेशान लोग इस घटना के बाद और आक्रोशित हो गए। बता दें कि, चीन में कोविड-19 के नियमों के खिलाफ हो रहे विरोध में उइगर, तिब्बती और अन्य जातीय अल्पसंख्यक समुदाय भी शामिल हो गये हैं। इनपर कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा कथित तौर पर नजर रखी जाती है तथा उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए निशाना बनाया जाता है।

आईएन ब्यूरो

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