अंतर्राष्ट्रीय

डूरंड लाइन पर इंडियन आर्मी, तालिबान की फटकार से पाक आर्मी के होश उड़े

पाकिस्तान की सियासी संग्राम का असर सीमाओं के बाहर भी दिखाई दे रहा है। सबसे ज्यादा असर बलोचिस्तान और अफगानिस्तान में दिखाई दे रहा है। टीटीपी ने खैबर नॉर्थ वजीरिस्तान में लगभग अपनी सत्ता कायम कर ली है। पाकिस्तानी फौज टीटीपी के दमन के दावे करती रहती है, जबकि हो इसके उलट रहा है। टीटीपी ने घोषित कर दिया है कि वो अफगान तालिबान की ब्रांच है। तालिबान भी पाकिस्तानी फौज को लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इतना ही नहीं डूरंड लाइन पर तालिबान कमाण्डरों ने तो यहां तक कह दिया कि हमारे साथ इंडियन आर्मी हमारी सीमा में गश्त करे या घूमे इससे तुम्हें वास्ता नहीं होनी चाहिए। अफगान तालिबान कमाण्डर के इस बयान के बाद हालात बहुत तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तान ने डूरंड लाइन पर फौज का जमाबड़ा बढ़ा दिया है तो वहीं तालिबान ने भी डूरंड लाइन पर अपने लड़ाकों की संख्या सवा लाख के आस-पास कर दी है।

पाकिस्‍तानी सैनिक अक्‍सर अफगान इलाके में बाड़ लगाने की कोशिश करते हैं। तालिबान की सेना और पाकिस्‍तानी सेना के बीच कई बार भीषण गोलाबारी भी हो चुकी है। अब एक ताजा वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें एक तालिबानी कमांडर भारतीयों का जिक्र करके पाकिस्‍तानी सेना को कड़ी चेतावनी दे रहा है।

इस वीडियो में ताल‍िबानी कमांडर पाकिस्‍तानी सेना के अधिकारियों से कह रहा है, ‘यदि मैं अमेरिकी, चीनी या भारतीयों को लेकर आता हूं और वे सीमा पर लगी बाड़ के अफगानिस्‍तान वाले हिस्‍से में घूमते हैं तो आपको इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए। पाकिस्‍तान की सेना अफगान सीमा में हस्‍तक्षेप करना बंद करे। हम आपके लिए केवल इसलिए संयम दिखा रहे हैं क्‍योंकि आप लोग मुसलमान हो। अन्‍यथा हम आपके साथ उसी तरह से लड़ाई लड़ सकते हैं जिस तरह से हमने अमेरिका के खिलाफ लड़ा था।’

तालिबानी कमांडर ने यह करारा पलटवार ऐसे समय पर किया है जब अभी कुछ दिन पहले ही अफगानिस्‍तान के पाकटिया प्रांत में पाकिस्‍तानी सेना और तालिबान के बीच जोरदार मुठभेड़ हो गई थी। इससे पहले फरवरी में भी कुनार प्रांत में दोनों के पक्षों के सैनिकों के बीच भारी गोलाबारी हुई थी। इस दौरान पाकिस्‍तानी सेना ने अफगानिस्‍तान के कुनार प्रांत के दांगम जिले में गोलीबारी शुरू कर दी थी और तोपों से गोले बरसाए थे। इससे दोनों के बीच हालात बहुत तनावपूर्ण हो गए थे।

अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से ही पाकिस्‍तान सेना की कोशिश है कि किसी तरह से डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया जाए। पाकिस्‍तानी सेना ने तालिबान को सत्‍ता में लाने के लिए अहम भूमिका निभाई है, उन्‍हें उम्‍मीद थी कि तालिबानी इसका विरोध नहीं करेंगे। हालांकि हुआ इसका उल्‍टा है और तालिबानी सेना इसका कड़ा विरोध कर रही है। पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच 2,640 लंबी सीमा है और डूरंड लाइन इसे विभाजित करती है। पाकिस्‍तानी सेना के बढ़ते हस्‍तक्षेप के बाद तालिबान भी अपनी सेना को बढ़ाकर 1,10,000 करने जा रहा है। पिछले दिनों तालिबान ने कई घातक हथियारों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया था।

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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