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बड़े से बड़े देशों पर पड़ने वाली है मंदी की मार, लेकिन भारत पर नहीं होगा असर, Joe Biden ने कहा- हम भी नहीं जा रहे…

दुनिया के बड़े देशों देशों पर पड़ने वाली मंदी की मार

इस वक्त पूरी दुनिया महंगाई की मार झेल रही है। कई मुल्कों में बुरी स्थिति है। श्रीलंका तो पूरी तरह से तबाह हो चुका है उधर पाकिस्तान भी इसी रास्ते पर है। पाकिस्तान में इस वक्त महंगई इस कदर बढ़ी हुई है कि, आम जनता के जीना दूभर हो गया है। पूरी दुनिया में आई महंगाई के बड़े कारणों में से यूक्रेन और रूस युद्ध भी है। इस युद्ध के चलते दुनियाभर के देशों में कई चीजों की कमी आ गई है। खासकर पश्चिमी देशों में महंगई चरम पर है। जर्मनी में तो गैस की कमी के चलते उद्योग पर भारी असर पड़ा है। यहां पर कई पूराने से पूराने उद्योग बंद हो गए हैं। महंगाई को लेकर बढ़ रहे खतरे को देखते हुए दुनिया के ज्यादातर देश चिंतित हैं। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दावा किया है कि, अमेरिका में मंदी का दौर नहीं आने वाला है। इसके साथ ही भारत भी मंदी की मार से बच जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, मेरे विचार में, हम अभी मंदी के दौरा में नहीं जा रहे हैं। अमेरिका में बेरोजगारी दर अभी भी इतिहास में सबसे कम है। यह मात्र 3.6 फीसदी क्षेत्र में है। हम अभी भी खुद को निवेश करने वाले लोगों के साथ पाते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, मेरी आशा है कि हम इस तीव्र विकास से स्थिर विकास की ओर बढ़ेंगे, इसलिए हमारी अर्थव्यवस्था कुछ नीचे आती दिखेगी। यह भगवान की इच्छा है, मुझे नहीं लगता कि हम मंदी का दौर देखने जा रहे हैं।

एक सर्वे की माने तो, भारत को छोड़कर अमेरिका और चीन जैसे दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों में मंदी की आशंका गहराती जा रही है। एक रिपोर्ट में दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए सर्वे में दावा किया गया है कि, पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे कई एशियाई देश भी मंदी की चपेट में आ सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के मंदी में फंसने की आशंका 20 फीसदी है। अमेरिका की 40 फीसदी व यूरोप की 55 फीसदी है। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। इससे मंदी की आशंका बढ़ गई है। एशियाई अर्थव्यवस्थाएं यूरोप और अमेरिका के बजाय ज्यादा लचीली नजर आ रही हैं। मोटे तौर पर एशियाई देशों के मंदी में घिरने की आशंका 20 से लेकर 25 फीसदी है।

न्यूजीलैंड, द. कोरिया, जापान, हांगकांग, आस्ट्रेलिया, ताइवान, थाइलैंड, वियतनाम, फिलीपीन, इंडोनेशिया, मलयेशिया जैसे छोटे देशों पर खतरा थोड़ा कम है। सर्वे के मुताबिक श्रीलंका इस संकट से सबसे बुरी तरह प्रभावित होगा। साल के आखिर में या फिर अगले साल तक इस बात की 85 फीसगदी आशंका है कि यह मंदी से जूझ रहा होगा।