यूक्रेन पर रूस लगातार हमले कर एक के बाद एक शहर पर कब्जा जमा रहा है। इस बीच नाटो और पश्चिमी देश लाचार बनकर बैठे हैं, वो युद्ध तो रोकना चाहते हैं लेकिन पुतिन के इरादों के आगे कुछ कर नहीं पा रहे। हालांकि, नाटो और इरोपीयन यूनियन रूस पर एक के बाद एक कड़े प्रतिबंध लगा रहा है जिसके लिए पुतिन पहले से ही तैयार बैठे थे। उलटा यह हुआ कि रूस ने ही इनपर कई प्रतिबंध लगा दिया। इस बीच दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो जंग रोकने के लिए आगे आ रहे हैं पुतिन को मनाने में जुटे हैं। ऐसे में एक देश अब दोनों देशों के बीच समझौता कराने के लिए आगे आया है और 10 मार्च को मीटिंग तय कराया है।
दरअसल, यह तुर्की है जो रूसी विदेश मंत्री और यूक्रेनी विदेश मंत्री को 10 मार्च को अपने यहां मीटिंग करवा रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि, तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू के मुताबिक यूक्रेन के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव यूक्रेनी विदेशमंत्री मिन दिमित्रो कुलेबा से 10 मार्च को मिलेंगे। यह बातचीत तुर्की के तटीय प्रदेश अंताल्या में होगी। रिपोर्ट के मुताबिक रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद से टॉप राजनयिकों के बीच पहली बातचीत होगी।
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा है कि दोनों मंत्रियों ने मुझे बैठक में भी भाग लेने और त्रिपक्षीय प्रारूप में बैठक आयोजित करने के लिए कहा है। बता दें कि यूक्रेनी विदेशमंत्री कुलेबा ने हाल ही में कहा था कि वह लावरोव के साथ तभी बातचीत करने को तैयार हैं अगर बातचीत सार्थक हो। हालांकि, तुर्की नाटो सदस्य है और यह काला सागर में रूस और यूक्रेन के साथ समुद्री सीमा साझा करता है। तुर्की ने इससे पहले भी मध्यस्थता की बात की थी। अंकारा के मास्को और कीव दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। तुर्की ने रूस के आक्रमण को अस्वीकार्य बताया है, लेकिन वह मास्को के खिलाफ प्रतिबंधों का कड़ा विरोध भी करता है।
गौरतलब हो कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति संग बातचीत की। पीएम मोदी ने पहले व्लोदोमीर जेलेंस्की के साथ 35 मिनट फोन पर बात की और इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा और निकासी को लेकर भी चर्चा की। वहीं, उन्होंने अपने दोस्त और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर 50 मिनट तक कई मुद्दों पर बातचीत की।