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सूरत में 25.3 करोड़ रुपये का सोना ज़ब्त, हवाई अड्डे के अधिकारी ही तस्करी रैकेट को पहुंचा रहे थे मदद

डीआरआई ने ऑपरेशन गोल्डमाइन के तहत सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ₹25.26 करोड़ मूल्य का 48 किलोग्राम सोने का पेस्ट जब्त किया

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन यात्रियों से 25.3 करोड़ रुपये मूल्य का 42 किलोग्राम सोना जब्त किया है, जो हवाई अड्डे के अधिकारियों की मिलीभगत से देश में कीमती धातु की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह हाल के दिनों में किसी हवाई अड्डे पर सोने की सबसे बड़ी जब्ती में से एक है।

विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर डीआरआई के अधिकारियों ने 7 जुलाई को सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट से शारजाह से आए तीन यात्रियों को रोका। उनके हाथ के सामान और चेक-इन बैगेज की जांच की गयी और पेस्ट के रूप में 43.5 किलोग्राम सोना मिला। बयान में कहा गया है कि यह पांच ब्लैक बेल्ट में छिपे 20 सफेद रंग के पैकेटों में छिपा हुआ पाया गया।

यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों की मदद से सोना भारत में तस्करी के लिए छुपाया गया था। अधिकारियों द्वारा स्क्रीनिंग और जांच से बचने के लिए आव्रजन जांच चौकी से पहले स्थित एक शौचालय में सोने का आदान-प्रदान करने की योजना बनायी गयी थी।

बाद की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप पेस्ट के रूप में 4.67 किलोग्राम सोना और बरामद हुआ, जो आव्रजन चौकी के निकट पुरुषों के शौचालय में छोड़ दिया गया था, जिसे सीआईएसएफ ने डीआरआई को सौंप दिया था।

यात्रियों से बरामद कुल 48.20 किलोग्राम सोने के पेस्ट को निष्कर्षण के अधीन किया गया, और 42 किलोग्राम से अधिक सोने (शुद्धता 99%) की वसूली की गयी, जिसका मूल्य 25.26 करोड़ रुपये था।

इन लोगों के बयान सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत दर्ज किए गए और उनकी भूमिका के आधार पर एक हवाई अड्डे के अधिकारी सहित तीन यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक की जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक संगठित तस्करी रैकेट संचालित हो रहा है।

पूरे तस्करी सिंडिकेट को खत्म करने के लिए हवाई अड्डे पर अधिकारियों सहित अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच भी की जा रही है।