अंतर्राष्ट्रीय

रूस-यूक्रेन वॉर मे Biden का रहा फ्लॉप शो PM मोदी साबित हुए वर्ल्‍ड लीडर,जाने कैसे

अब रूस और यूक्रेन के युद्ध ने विश्व के देशों को दो धड़ों में बांट दिया है। ये जंग इस कदर बढ़ गयी है कि सब कुछ तबाह कर देने वाले परमाणु बम की धमकियां लगातार दी जा रही हैं। अंतराष्ट्रीय संस्थाएं शांति की अपील कर रही हैं, लेकिन हालात को देखते हुए लगता नहीं है कि दुनिया भर में फैली यह अशांति जल्द शांति का रूप लेगी। इसका तारो ताजा उदाहरण रूस का बीते दिनों यूक्रेन में अब तक का सबसे घातक हमला है।

खैर इसके अलावा इन दिनों भारत सरकार की विदेश नीति चर्चा का विषय बनी हुई है। फिर वह रूस से तेल खरीदने का मसला हो या फिर यूक्रेन की जंग में रूस की निंदा न करना या फिर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों में उनका साथ न देना, विदेश नीति के जानकार मान रहे हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई तरह से साबित कर दिया है कि देश के स्‍वतंत्र विदेश नीति को अपनाने में सक्षम है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यूक्रेन की जंग के बाद जहां अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियां भारत को उसके दुश्‍मनों पर रणनीतिक फायदा न मिलने देने की कोशिशों में लगी हुई हैं। लेकिन भारत और पीएम मोदी (PM Modi) ने साबित कर दिया है कि यह वह पल है जो उन्‍हें ताकतवर साबित करने में मददगार साबित होने वाला है।

कुछ नहीं कर पाया अमेरिका

साल 2018 के बाद से भारत और अमेरिका और करीब आ गए हैं। दोनों देशों ने कई सालाना शिखर सम्‍मेलनों में हिस्‍सा लिया है तो कई अहम समझौते भी साइन किए गए हैं। क्‍वाड में दोनों ही देश साझीदार हैं और पिछले महीने जापान में क्‍वाड सम्‍मेलन में पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मी‍टिंग थी। भारत हाल ही में अमेरिका की उस नीति का हिस्‍सा बना है जो हिंद-प्रशांत के आर्थिक स्थिति से जुड़ी है। इस नीति का मकसद इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को एक औपचारिक संधि के रूप में आगे बढ़ाना है।

ये भी पढ़े: Ukraine युद्ध पर पुतिन से मुलाकात पर Elon Musk के बदले सुर,जानिए क्या बोले

महाशक्ति का दर्जा

बाइडेन और मोदी ने एक कॉन्‍फ्रेंस कॉल में 2+2 वार्ता की शुरुआत की। इससे यह स्पष्‍ट हो चुका था कि बाइडेन मोदी की स्थिति को स्‍वीकार कर चुके हैं। अमेरिका की तरफ से जो रीडआउट जारी किया गया उसमें कहा गया कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग जारी रहेगा। इसमें इस तरफ कोई संकेत नहीं दिया गया था कि क्‍या अमेरिका रूस का पक्ष लेने पर भारत के खिलाफ एक्‍शन का मन बन चुका है या नहीं। इतना ही नहीं भारत की तरफ से इसके बाद भी रूस की निंदा नहीं की गई और न ही तेल आयात को खत्‍म करने का ऐलान किया गया।

भारत को बड़ा फायदा

विशेषज्ञ मानते हैं ये बातें ये बताने के लिए काफी हैं कि भारत किस तरह से महाशक्ति का दर्जा हासिल करने की तरफ बढ़ चुका है। उनका कहना है कि भारत में अब इतनी क्षमता है कि वह वैश्विक सिस्‍टम को पलट सके। रूस और यूक्रेन की जंग ने भारत को काफी फायदा पहुंचाया है। अमेरिका के विरोध के बाद भी रूस पर भारत की नीति कायम है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश हों या फिर यूरोप के, सबके साथ सहयोग बना हुआ है। लेकिन अगर युद्ध और चला तो फिर भारत को अपना फैसला बदलना पड़ सकता है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago