अफगानिस्तान में इस वक्त स्थिति बद से बदतर हो गई है। तालिबान ने यहां पर कब्जा तो कर लिया लेकिन, सरकार चलाने के लिए पैसे नहीं है। तालिबान लगातार अमेरिका से गुहार लगा रहा था कि वो उसके पैसे को अनफ्रीज करे। लेकिन अमेरिका ने कहा है कि वो उसके कुछ पैसों को 9/11हमलों में मारे गए परिजनों को देगा और बाकी के पैसे सीधे अफगानी नागरिकों को संस्थाओं के जरिए देगा। यानी की ये पैसा तालिबान के हाथ नहीं लगेगा। अब अंतरराष्ट्रिय समुदाय ने अफगानिस्तान में गहराते मानवी संकट के बीच 32मिलियन डॉलर की सहायता राशी भेजी है जो तालिबान के हाथ नहीं लगी है।
अफगानिस्तान को गुरुवार को मानवीय नकद सहायता के तहत 32मिलियन डॉलर मिला। देश के केंद्रीय बैंक दा अफगानिस्तान बैंक (डीबीए) ने इसकी पुष्टि की है। अफगान केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की श्रृंखला के हिस्से के रूप में, 32मिलियन डॉलर नकद आज (गुरुवार, 7अप्रैल) काबुल पहुंचे और अफगानिस्तान इंटरनेशनल बैंक में स्थानांतरित कर दिए गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद देते हुए, डीएबी ने वादा किया कि नकद पैसे पारदर्शी रूप से खर्च किए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान की लगभग 35 मिलियन आबादी में से 22 मिलियन से अधिक लोगों को भोजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और यदि सहायता नहीं दी गई तो राष्ट्र को मानवीय तबाही का सामना करना पड़ सकता है।