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भारत ने लगाई चावल के निर्यात पर रोक तो मचा हाहाकार, इन देशों पर सबसे ज्यादा असर

भारत ने रोका चावल का निर्यात

अभी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ, आपने पाकिस्तान में गेहूं या आटे के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइन में लगा देखा होगा। उससे पहले श्रीलंका के लोगों को भी गैस सिलेंडर और पेट्रोल के लिए लंबी कतारों में लगा देखा होगा। भारत में भी कुछ साल पहले तक राशन की दुकानों पर लंबी लाइन लगती थी, लेकिन अमेरिका (America) में ऐसा नजारा काफी चौंकाने वाला है। इस दिनों में अमेरिका के बड़े-बड़े रिटेल स्टोर के बाहर आपको वहां बसने वाले भारतीय और अन्य एशियाई लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल जाएंगी। इसकी वजह भारत का एक बड़ा फैसला है।

भारत ने घरेलू बाजार में चावल की आपूर्ति को बेहतर रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात पाबंदी लगा दी है। यह फैसला 20 जुलाई को ही सरकार ने यह फैसला लिया था, लेकिन एक हफ्ते में ही इसके चलते अमेरिका (America) समेत दुनिया कई देश घुटनों पर आते दिख रहे हैं। यही नहीं अब तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी भारत से पाबंदी हटाने की अपील की है। IMF ने कहा है कि वह भारत को चावल की एक निश्चित श्रेणी के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने के लिए ‘प्रोत्साहित’ करेगा क्योंकि इससे वैश्विक मुद्रास्फीति पर असर पड़ सकता है।

भारत ने गैर-बासमती किस्म के सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि गैर-बासमती उसना चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। कुल निर्यात में दोनों किस्मों का हिस्सा बड़ा है। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इसलिए हम भारत को निर्यात पर इस प्रकार से प्रतिबंध हटाने के लिए निश्चित ही प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि इनसे दुनिया पर हानिकारक असर पड़ सकता है।’

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भारत से चावल का निर्यात कहा-कहा?

भारत से गैर-बासमती सफेद चावल मुख्य रूप से थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और अमेरिका (America) में निर्यात होता है। भारत में बैन लगाए जाने के बाद अमेरिका में मॉल और राशन की दुकानों पर लंबी लाइनों की तस्वीरें आई हैं। लोगों ने आने वाले समय में चावल की कमी होने की आशंका में बड़े पैमाने पर खरीद कर ली है। बता दें कि भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात वित्तवर्ष 2022-23 में 42 लाख डॉलर का हुआ था। इससे पिछले वर्ष में निर्यात 26.2 लाख डॉलर का था। गेहूं, चावल समेत कई खाद्यान्नों का भारत बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करता है, लेकिन घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ना एक चैलेंज है। भारत सरकार की ओर से जारी बयान में गया था, ‘चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं।