Pakistan के पूर्व प्रधानमंत्री और PM Shehbaz Sharif में जुबानी जंग, एक दूसरे पर लगाया चोरी का आरोप!

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सत्ता से बेदखल होने के बाद से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बौखलाए हुए हैं और आए दिन शाहबाज सरकार और पाकिस्तान फौज को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान इसके लिए जमकर पाकिस्तान में अलग-अलग जगहों पर रैलियां कर रहे हैं। इन्हीं रैलियों में वो अपने बयान को लेकर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चर्चा में छाए हुए हैं। इसके साथ ही अपने खिलाफ अविश्वास मत आने के बाद से ही अमेरिका पर जमकर निशाना साधते रहे। उनका कहना था कि, अमेरिका के ही चक्कर में उनकी सरकार गिरी है। इमरान खान और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इस वक्त आमने सामने हैं। दोनों ने एक दूसरे पर चोरी का आरोप लगाया है।</p>
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दोनों के बीच ट्विटर पर ज़ुबानी जंग छिड़ गई है। पाकिस्तान को अगला श्रीलंका बनने से बचाने के लिए शहबाज़ सरकार ने एक अध्यागदेश पारित किया है जिसमें देश की संपत्तियों को विदेशियों के हाथों बेचने का प्रावधान किया गया है। इमरान खान का आरोप है कि सरकार ने विदेशों में राष्ट्रीय संपत्ति बेचने की सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार किया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ अध्यादेश के पारित होने के कुछ घंटों बाद पूर्व पीएम इमरान खान ने आयातित सरकार की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाया है। इमरान खान ने शहबाज शरीफ पर पिछले 30 सालों से पाकिस्तान को लूटने और मौजूदा आर्थिक मंदी के लिए भी उन्हें ही ज़िम्मेदार ठहराया।</p>
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इमरान खान ने सरकार गिराने के पीछे अमेरिकी षडयंत्रों का आरोप लगाते हुए कहा कि एक आयातित सरकार पर देश की संपत्तियों को विदेशों को बेचने के फैसले का कैसे विश्वास किया जाना चाहिए, जिनके परिवार का भ्रष्टाचार का एक ज़खीरा है। इसके साथ ही उन्होंने शहबाज़ शरीफ को 'क्राइम मिनिस्टर' क़रार दिया। इसपर पीएम शहबाज़ ने भी पलटकर कर कहा है कि, इमरान नियाज़ी मेमोरी लॉस से पीड़ित हैं और उन्हें कुछ याद दिलाने की ज़रूरत है।</p>
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उन्होंने आरोप लगाया है कि, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक़ इमरान सरकार में देश में भ्रष्टाचार बढ़ा। यहां तक कि भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर/पोस्टिंग की भी बिक्री होती थी। उनके अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का देश की जनता कीमत चुका रही है। साथ ही शहबाज़ शरीफ ने इमरान खान पर देश की वैश्विक प्रतिष्ठा और मित्र देशों के साथ संबंधों को गहरी चोट पहुंचाने का भी आरोप लगाया।</p>
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बता दें कि, शहबाज सरकार ने प्रावधान पारित किया है कि, देश की संपत्तियों को विदेशों को बेचने के खिलाफ देश की कोई भी अदालत आवेदन, याचिका या मुकदमा स्वीकर नहीं कर सकती। इसी तरह अध्यादेश में प्रावधान है कि, कोई भी जांत एजेंसी, एंटी-ग्राफ्ट एजेंसी या कोर्ट विदेशों को संपत्ति बेचने में हुई चूक की जांच नहीं कर सकती।</p>
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आईएन ब्यूरो

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