Imran Khan को रूस जाने की फिर मिली सजा, Pakistan को भिगो-भिगो कर मार रहा America, कहा घोषित करो इसे…

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पाकिस्तान इस वक्त हर वो चीज कर रहा है जो अमेरिका नहीं चाहता है। अफगानिस्तान को लेकर चले मतभेद के बाद से ही अमेरिका इस वक्त इमरान खान से चिढ़ा पड़ा है। देश कंगाली की राह पर है, सरकार अब तब लगी हुई है। महंगाई अपने चरम पर है लेकिन, इन सबके बाद भी इमरान खान के कानों पर जूं तक नहीं रेग रहा और जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया उस दिन वो मॉस्कों पहुंच गए। यहां पहुंचते ही उन्होंने यह तक कह दिया कि मैं कितने सही समय पर आया हूं मजा आ रहा है। अब इसी के बाद पाकिस्तान को बर्बाद करने के लिए अमेरिका हाथ धो कर पीछे पड़ गया है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि जो भी रूस का साथ देगा उसे वो बर्बाद कर देंगे। उनका ये इशारा पाकिस्तान पर ही था। अब आलम यह है कि अमेरिका भिगो-भिगो कर पाकिस्तान को मार रहा है।</p>
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दरअसल, अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने प्रतिनिधि सभा में विधेयक पेश कर पाकिस्तान को आतंकवाद को स्पांसर करने वाला देश घोषित करने की मांग की है। ये पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन की ही रिपोर्ट है कि, पेन्सिलवेनिया (Pennsylvania) से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद स्कॉट पैरी (Scott Perry) ने 'पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर लगाम' विधेयक पेश किया है, जिसे अब अमेरिकी सदन की विदेश मामलों से संबंधित समिति के पास भेजा गया है।</p>
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खबर में बताया गया है कि, अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो पाकिस्तान पर कई पाबंदियां लगाई जा सकती हैं, जिसमें विदेशी सहायता पर रोक, रक्षा आयात पर प्रतिबंध और दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर नियंत्रण शामिल है। विधेयक के अनुसार अधइनियम लागू होने के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को समर्थन देने वाला देश माना जाएगा। अब तक केवल चार देशों को आतंकवाद को स्पांसर करने वाला देश घोषित किया गया है। इनमें क्यूबा, ​​उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया शामिल हैं। उत्तर कोरिया पर कई मुल्कों ने इस तरह का आरोप लगाए हुए हैं।</p>
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वहीं, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, प्रस्तावित प्रतिबंधों में विदेशी सहायता पर प्रतिबंध शामिल हैं। रक्षा निर्यात और खरीद पर बैन, दोहरे इस्तेमाल की वस्तुओं के निर्यात पर कुछ कंट्रोल और वित्तीय एंव अन्य प्रतिबंध शामिल हैं। विधेयक के पास हो जाने पर अमेरिकी सरकार को विधेयक में बताए गए प्रतिबंधों के अधीन फैसला लेना होगा। इसके तहत वह प्रतिबंधित देशों को हथियारों या किसी भी अन्य तरह की वित्तीय मदद नहीं दे पाएगा। पैरी का ये कदम ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका में पाकिस्तान के राजूदत के तौर पर नियुक्त किए गए मसूद खान के ऊपर आतंकवादी संगठनों से संबंध होने के आरोप लगे हैं। स्कॉट पैरी और दो अन्य अमेरिकी सांसदों ने इन आरोपों की जांच की मांग की है।</p>
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बता दें कि, स्कॉट ने ग्रेगरी स्ट्यूब और मैरी ई मिलर के साथ अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को पत्र लिखा। जिसमें दावा किया गया कि, राजदूत मसूद खान के आतंकियों के साथ संबंध रहे हैं। ऐसे में उनकी नियुक्त देश के लिए खतरा हो सकती है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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