China ने सारी हद की पार, Taiwan के अलावा अब इस छोटे से देश पर कर रहा कब्जा

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चीन ऐसा देश है जिसके जितने भी पड़ोसी देश हैं वो सारे ही उसकी हरतों से परेशान हैं। चीन लगातार अपने पड़ोसी देशों की जमीन को हड़पता रहता है। चाहे ताइवान हो या फिर भारत हो या फिर क्यों न नेपाल हो चीन हर किसी के क्षेत्र को कब्जा करने को लेकर चर्चा में रहता है। भारत में तो उसे हर बार मुंह की खानी पड़ रही है लेकिन इसके बाद भी ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसके साथ ही ताइनवा पर पूरा कब्जा करने के लिए चीन ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है। अब वो नेपाल की जमीन पर लगातार घुसपैठ कर रहा है और साथ ही नेपाली पुलिस को बॉर्डर पर धमकाया भी है।</p>
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नेपाल सरकार ने अपनी एक रिपोर्ट में चीन पर घुसपैठ का आरोप लगाया है। ये अतिक्रमण दोनों देशों की सीमा से सटे इलाकों में हो रहा है। नेपाल ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके अनुसार, चीन हुमला जिले की जमीन पर कब्जा कर रहा है और साथ ही चीन की सेना ने सीमा पर ही नेपाली पुलिस को धमकियां दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीनी सुरक्षा बल यहां निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने लालुंगजोंग नामक स्थान पर नेपाली लोगों को धार्मिक गतिविधियां करने से भी रोक दिया है। सितंबर, 2021 की तारीख वाली रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन नेपाल के किसानों को मवेशियों को चराने से रोक रहा है। वो सीमा पर मौजूद पिलर के चारों ओर एक बाड़ का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही चीन ने नेपाली हिस्से में एक नहर और एक सड़क बनाने का प्रयास किया है।</p>
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ये रिपोर्ट सरकार ने जारी नहीं की है, बल्कि लीक हुई है। इस मामले में चीन चुप्पी साधकर बैठा हुआ है। सभी सबूतों के होने के बावजूद रिपोर्ट विदेश मंत्रालय के पास लंबित पड़ी है। रिपोर्ट लीक होने के बाद नेपाल के सूचना मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर करकी ने कहा है कि, पड़ोसियों के साथ सीमा से जुड़े किसी भी मुद्दे का निपटारा कूटनीतिक तरीके से किया जाएगा। चाहे वो भारत के साथ हो या फिर चीन के साथ, अगर सीमा पर कोई समस्या है, तो हम उसे कूटनीतिक तरीकों से सुलझा लेंगे। ऐसी समस्याएं पैदा नहीं होनी चाहिए और नेपाल सरकार ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए हमेशा प्रयास करेगी।</p>
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खबरों की माने तो, जब सरकार ने मामलो को ज्यादा तहरीज नहीं दी तो नेपाल के राष्ट्रीय एकता अभियान के अध्यक्ष बिनय यादव वे काठमांडू में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से चीन की जमीन हथियाने की रणनीति पर ध्यान देने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है, अध्ययन के अनुसार, 1963 के सीमा प्रोटोकॉल के बाद से पिलर संख्या 5 (2) और किट खोला के बीच के क्षेत्र को दोनों देशों के बीच सीमा के रूप में चिह्नित किया गया है। लेकिन ऐसा पता चला है कि चीनी पक्ष ने नेपाल की जमीन पर बाड़ और तार लगाए हैं। बीते दो साल से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं और इस मसले पर काठमांडू में लोगों ने खूब विरोध प्रदर्शन भी किया है। लेकिन चीन इन रिपोर्ट्स को खारिज करता रहा है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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