इमरान खान का America पर सीधा वार, कहा- हर हाल में देनी होगा ‘तालिबानी सरकार’ को मान्यता वरना…

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार तालीबान का गुणगान गा रहे हैं। इमरान खान तालिबान के रंग में इतना रंग गए हैं कि अब उन्हें किसी तक की डर नहीं है, यहां तक कि अमेरिका तक के खिलाफ वो बोल चुके हैं और अब एक बार फिर उन्होंने यह कहा है कि जल्दी या बाद में लेकिन किसी भी हाल में अमेरिका को तालिबानी सरकार को मान्यता तो देना ही होगा।</p>
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तालिबानियों की वकालत करते हुए इमरान खान ने कहा है कि, अमेरिका को 'जल्दी या बाद में' तालिबान को मान्यता देनी होगा। तुर्की के टीआरटी वर्ल्ड को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा है कि, 15 अगस्त को अफगानिस्तान के तालिबान के कब्जे के बाद से अमेरिकी सदमे और भ्रम की स्थिति में है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, अमेरिकी जनता वर्मान में एक बलि का बकरा ढूंढ रही है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को गलत तरीके से निशाना बना रहे हैं। आलोचकों ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने के बाइडेन के फैसले के बाद पश्चिम समर्थित अफगान सरकार गिर गई। बढ़ते दबाव के बावजूद, बाइडेन अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करते हुए सैनिकों को वापस बुलाने की 31 अगस्त की समय सीमा पर अड़े रे। दरअसल, अमेरिकी सेना की वापसी 2020 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत तालिबान के साथ एक समझौते का हिस्सा थी।</p>
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अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सात रिश्ते खत्म कर लिए। जिसके बाद अमेरिका ने अफगान केंद्रीय बैंक की 9 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति को फ्रीज कर दिया है। जिस वजह से अफगानिस्तान में वित्तय संकट खड़ा हो गया है। इमरान खान ने जोर देकर कहा कि, अगर अमेरिका ने अफगान भंडार को अनफ्रीज नहीं किया तो देश में अराजक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अमेरिका को एक समाधान के साथ आना होगा।</p>
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बता दें कि, इमरान खान को एक डर भी सता रहा है वो यह कि आर्थिक और मानवीय संकट का प्रभाव पाकिस्तान भी पड़ेगा। पाकिस्तान में पहले से ही लगभग 35 लाख अफगान शरणार्थी रह रहे हैं।</p>
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आईएन ब्यूरो

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