अमेरिका के टेक्सास के सिनेगॉग में यहूदियों को बंधक बनाए जाने का मामला गर्माता जा रहा है। इस मामले में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका जांच के घेरे में आ गई है। जानकारी के मुताबिक, मलिक फैसल अकरम नाम के एक शख्स ने सिनेगॉग में 4 यहूदियों को बंधक बना लिया था और मांग करने लगा कि उसकी बहन आफिया सिद्दीकी को रिहा किया जाए, जो कि कार्सवेल में फेडरल मेडिकल सेंटर में कैद है। आपको बता दें कि पाकिस्तानी नागरिक और न्यूरो साइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी को आतंकवाद से जुड़े आरोपों के तहत 86 साल की सजा दी गई है।
यह भी पढ़ें- Birju Maharaj Passes Away: नहीं रहे कथक सम्राट बिरजू महाराज, पोते संग खेलते पड़ा दिल का दौरा, 83 साल की उम्र में निधन
आफिया को लेडी अलकायदा के नाम से जानी जाती है जबकि पाकिस्तान का एक तबका आफिया को डॉटर ऑफ नेशन यानि राष्ट्र की बेटी कहकर पुकारता है। पाकिस्तान में इस वर्ग ने आफिया की जेल से रिहाई के लिए कैंपेन चलाया है। पाकिस्तान ने बार-बार अमेरिका से आफिया सिद्दीकी को रिहा करने की मांग की है। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने पार्लियामेंट्री अफेयर एडवाइजर बाबर अवान को आफिया सिद्दीकी की रिहाई के लिए विदेशों में किए जा रहे प्रयासों से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए नियुक्त किया है ताकि आफिया को सुरक्षित तरीके से रिहा किया जा सके।
यह भी पढ़ें- Australian Open 2022: सानिया मिर्जा की आसान नहीं जीतने की राह, 13 साल बाद चैंपियन बनने की तैयारी में राफेल नडाल!
इमरान खान की सरकार आफिया सिद्दीकी की रिहाई चाहती है। ऐसे में जब आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग को लेकर टेक्सास में यहूदियों को मलिक अकरम फैसल ने बंधक बनाया गया तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का आरोप है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की सरकार का हाथ है। सोशल मीडिया पर नजर डाली जाए तो लोगों का कहना है कि इमरान खान को पहले से ही इस घटना की भनक थी। यहूदियों को बंधक बनाए जाने का प्लान इमरान खान को पहले से ही पता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना के वक्त सिनेगॉग में धार्मिक कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक पर लाइव चल रहा था। इस दौरान एक बंदूकधारी शख्स अंदर घुस आया और उसने 4 लोगों को बंधक बना लिया। देर शाम एफबीआई की होस्टेज रेस्क्यू टीम क्वांटिको से सिनेगॉग पहुंची और बंधकों को रिहा कराने के साथ-साथ हमलावर को मार गिराया।