पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan) तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद तीन साल तक जेल की सजा काटेंगे। अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव से सत्ता गंवाने वाले इमरान अपने हश्र के लिए हमेशा अमेरिका को दोषी ठहराते रहे हैं। मगर अब अगर द इंटरसेप्ट की एक रिपोर्ट पर अगर यकीन किया जाए तो ऐसा लगता है कि वह सच कह रहे थे। इंटरसेप्ट, अमेरिका का गैर लाभकारी समाचार संगठन है। उसने कुछ केबल्स के हवाले से कहा है कि अमेरिका के दबाव में इमरान को उनकी सत्ता से हटाया गया था।
इंटरसेप्ट का दावा है कि क्लासीफाइड पाकिस्तान ( Imran Khan) के सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका के विदेश विभाग ने सात मार्च, 2022 की मीटिंग में इमरान को पीएम पद से हटाने के लिए पाकिस्तानी सरकार से कहा था। अमेरिका यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर उनके तटस्थ रुख से खुश नहीं था। पाकिस्तानी सरकार के लीक हुए दस्तावेज में अमेरिकी अधिकारियों के साथ मीटिंग के एक महीने बाद, संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। वोटिंग के बाद इमरान खान की सरकार गिर गई और उन्हें सत्ता से हटना पड़ा।
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माना जाता है कि यह वोट पाकिस्तान में सबसे शक्तिशाली सेना की मदद से आयोजित किया गया था। तब से ही इमरान और उनके समर्थकों का सेना और उनके सहयोगियों के साथ टकराव बना हुआ है। जिनके बारे में खान का दावा है कि उन्होंने अमेरिका के अनुरोध पर उन्हें सत्ता से हटाया था। केबल, जिसे आंतरिक रूप से ‘साइफर’ के तौर पर जाना जा रहा है उसने खुलासा किया है कि कैसे अमेरिकी विदेश विभाग ने खान के खिलाफ अपनी कोशिशों को अंजाम दिया था।
विदेश विभाग ने वादा किया था कि अगर इमरान खान को हटा दिया गया तो फिर अमेरिका के साथ रिश्ते बेहतर हो जाएंगे। अगर उन्हें नहीं हटाया गया तो फिर रिश्ते पूरी तरह से खत्म हो सकते हैं। इंटरसेप्ट का दावा है कि उसे यह डॉक्यूमेंट्स पाकिस्तानी सेना के एक अज्ञात स्रोत की तरफ से मिले हैं। इस गुमनाम शख्स ने कहा था कि उनका इमरान खान या उनकी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत और विदेश विभाग के दो अधिकारियों के बीच मीटिंग, पिछले डेढ़ साल से देश में जांच, विवाद और अटकलों का विषय रही है।
खान के समर्थकों और उनके सैन्य और असैन्य विरोधियों की तरफ से लगातार हंगामा किया जा रहा है। राजनीतिक संघर्ष पांच अगस्त को और बढ़ गया जब खान को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही उनके निष्कासन के बाद दूसरी बार उन्हें हिरासत में लिया गया। खान के समर्थकों ने उन पर लगे आरोपों का बचावकर्ताओं ने आरोपों को निराधार बताया। इस्लामाबाद हाई कोर्ट की तरफ से पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय राजनेता इमरान को सुनाई गई सजा के साथ उनके चुनाव आयोग की तरफ से पांच साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।
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