भारत ने बुधवार को भारत में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने को लेकर खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा यूनाइटेड किंगडम की शरणार्थी के दर्जे के दुरुपयोग पर चिंता जतायी है और इस सम्बन्ध में ब्रिटेन के साथ बेहतर सहयोग का अनुरोध किया है।
भारत ने यूके के साथ बेहतर सहयोग और यूके स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उपयुक्त कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है। आज नई दिल्ली में आयोजित 5वीं भारत-यूके आंतरिक मामलों की वार्ता के दौरान भारत ने लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में सेंध पर अपनी चिंताओं को भी सामेन रखा।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव, अजय कुमार भल्ला ने किया और ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व स्थायी सचिव, गृह कार्यालय, सर मैथ्यू रीक्रॉफ़्ट ने किया। इस बैठक में दोनों देशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
5th INDIA–UK HOME AFFAIRS DIALOGUE
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— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 12, 2023
दोनों पक्षों ने चल रहे सहयोग की समीक्षा की और यूके में आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, मादक पदार्थों की तस्करी, प्रवासन, प्रत्यर्पण और अन्य मुद्दों के बीच खालिस्तान समर्थक उग्रवाद और भारत विरोधी गतिविधियों के ख़िलाफ़ सहयोग को आगे बढ़ाने में अवसरों और तालमेल का पता लगाने के लिए उठाये जा सकने वाले कदमों को भी चिह्नित किया। ।
गृह मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है,”भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा यूके की शरणार्थी के दर्जे के दुरुपयोग पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया और यूके के साथ बेहतर सहयोग और यूके में रह रहे खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उचित क़दम उठाने और कार्रवाई का अनुरोध किया। । भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में लगने वाली सेंध पर भारत की चिंताओं पर भी बल दिया गया।” ।
इसस बैठक का समापन दोनों पक्षों द्वारा जारी भागीदारी पर संतोष व्यक्त करने और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की गति को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त करने के साथ हुआ।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पिछले महीने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा लंदन में उच्चायोग में भारतीय ध्वज उतारने के बाद ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त को तलब किया था। खालिस्तान समर्थक समूह सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।