अंतर्राष्ट्रीय

दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार भारत-रूस! बनाया ब्रह्मोस का छोटा भाई,एक मिसाइल में दुगनी ताकत

BrahMos Missile: भारत के फाइटर जेट से लेकर, टैंक, तोप, मिसाइलों की दुनिया में तेजी से मांग बढ़ी है। भारत के ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की धाक दुनिया में है। वियतनाम के अलावा इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, चिली और ब्राजील समेत 15 देश अब तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में अपनी दिलचस्‍पी दिखा चुके हैं। वहीं जिसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है, अब वह कुछ देशों को निर्यात की जाएगी।मिसाइल को दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को बेहतरीन उदाहरण माना जाता है।

इस मिसाइल को तैयार कर रहे ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस के सीईओ अतुल डी राणे ने मिसाइल के निर्यात से लेकर कई और बातों पर अहम जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया है कि थाइलैंड, मलेशिया और वियतनाम इस मिसाइल को खरीदना चाहते हैं। उनका कहना था कि भारत जिन देशो को मान्‍यता देता है उन्‍हें इस मिसाइल की बिक्री की जाएगी। राणे ने रक्षा संबंधों को लेकर खुलकर बात की है। राणे से थाइलैंड, मलेशिया और वियतनाम की ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने की इच्‍छा से जुड़ा सवाल पूछा गया था। इस पर उन्‍होंने कहा, ‘हम हर उस देश को यह मिसाइल बेचेंग या फिर बेचने की बात करेंगे जिन्‍हें भारत और रूस सरकार की तरफ से मान्‍यता मिली हुई है। ऐसे में इन नामों का जिक्र होगा और दक्षिण पूर्व एशिया इसमें आगे है।’ राणे ने कहा कि पूरा दक्षिण पूर्व एशिया ब्रह्मोस का संभावित खरीदार है।

ये भी पढ़े: दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार भारत,रक्षा मंत्रालय ने जारी की ये रिपोर्ट

इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि ब्रह्मोस की अगली पीढ़ी वाली मिसाइल पर भी काम शुरू हो चुका है। यह वर्तमान मिसाइल की तुलना में एक छोटी मिसाइल होगी लेकिन ऑपरेशंस में एक जैसी ही होगी। इसका साइज छोटा इसलिए रखा गया है ता‍कि एक ही एयरक्राफ्ट में दो मिसाइलें फिट हो सकें। इसका फ्लाइट ट्रायल साल 2024 के अंत में होगा और उत्‍पादन साल 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होगा।

क्‍या हाथ मिलाएंगे दूसरे देश

राणे से इस इंटरव्‍यू में यह भी पूछा गया कि भारत की रक्षा साझेदारी का रूस और दूसरे देशों के साथ क्‍या भविष्‍य है? इस पर उन्‍होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है निश्चित तौर पर उसमें भारत और रूस की बात होगी। पहले भी और अभी भी दोनों देश कई टेक्‍नोलॉजी पर मिलकर काम कर रहे हैं और ब्रह्मोस उसका सर्वश्रेष्‍ठ उदाहरण है। इस मिसाइल को बहुत ही एडवांस टेक्‍नोलॉजी के साथ बनाया गया है।

आईएन ब्यूरो

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