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Pakistan को फिर गोंद में बिठा रहा US, रूस का साथ देना भारत का सही कदम

Us Secretary Of Defence Will Host Honour Cordon For Pak army Bajwa Like Rajnath Singh

America-Pakistan: अमेरिका वो देश है जो पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व बना कर रखना चाहता है। अमेरिका मुसीबत के समय साथ छोड़ देने वाला देश है, दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही अपने हितों को देखकर निभाता है। भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी अमेरिका का रूख कभी ज्यादा स्पष्ट रहा नहीं। कभी वो भारत (India and US) के साथ अच्छी दोस्ती की बात करता है तो मौका मिलते ही वो अपनी चालबाज वाली भूमिका दिखा देते है। इस वक्त भी यही हो रहा है। रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका ने पूरी दुनिया को पुतिन के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहा। भारत और रूस के बीच बहुत ही गहरी दोस्ती है, 1971 के जंग में जब पाकिस्तान के साथ अमेरिका (America-Pakistan) आया तो यही रूस भारत के साथ सीना तान कर खड़ा हो गया। पिछले कुछ सालों से भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी मजबूती आई। लेकिन, अब अमेरिका की चालबाज वाली भूमिका नजर आने लगी है। क्योंकि, पाकिस्तान के साथ फिर से अमेरिका (America-Pakistan) रिश्ता मजबूत कर रहा, आर्मी चीफ बाजवा को अपने यहां बुलाकर ठीक भारतीय रक्षा मंत्री राजनात की तरह भव्य स्वागत का आयोजन करना साफ संकेत देता है कि, ये भारत को चिढ़ाने के काम है। भारत के खिलाफ अमेरिका, पाकिस्तान को लेकर फिर से पहले जैसा गेम खेलना शुरू कर दिया है।

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फिर चालबाजी पर उतरा अमेरिका
अमेरिका एक ओर भारत संग रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी ओर वो पाकिस्तान को फिर से हथियारों की सप्लाई देने की बात कर रहा है। पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को अडवांस बनाने वाला अमेरिका का ये कदम साफ कर दिया है कि, वो अब चालबाजी पर उतर आया है। अमेरिका को जब-जब लगता है कि पाकिस्तान का चीन के साथ रिश्ता मजबूत हो रहा है तो वो भारत की ओर रिश्ता बढ़ाना शुरू कर देता है। सीधे तौर पर देखा जाए तो अमेरिका किसी का दोस्त नहीं है। उसे बस अपना राजनीतिक और आर्थिक लाभ नजर आता है जिसके लिए वो किसी भी पाले में जा सकता है।

पाकिस्तान को फिर अपनी गोद में बिठा रहा अमेरिका
अभी कुछ दिनों तक पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाने वाला ये अमेरिका अब अचानक से पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने लगा है। उसे कर्ज दे रहा है, लड़ाकू विमानों की मरम्मत के लिए पैसे दे रहा है, आर्मी चीफ को अपने यहां बुला कर भव्य स्वागत कर रहा है। ये सब क्या है? ये सारा कुछ भारत को चिढ़ाने के लिए है। अभी तक यही अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद और चीन का साथ देने के लिए भन्नाए बैठा था और अब अचानक से कदम दूसरे दिशा में बदल दिया। गुरु यही तो अमेरिका का खेल है, जो वो कई दशक से खेलता आ रहा है। शांति के नाम पर अफगानिस्तान, सिरिया के साथ अन्य कई देशों में सैन्य अभियान चलाता है और जब यूक्रेन पर रूस सैन्य अभियान चलाता है तो उससे देखा नहीं जाता। भारत ने जो विश्व में अपनी भूमिका अदा की वो बेहद ही सराहनीय है। अमेरिका के इन हरकतों से भारत 1971 से ही अवगत था, उसके बाद समय-समय पर उसकी चालाकी इंडिया अच्छे से जानता था। इसलिए रूस को लेकर भारत ने स्पष्ट रणनीति अपनाई वो अब समझ आने लगा है। अच्छा तो एक बात तो पूरी दुनिया जानती है कि, आतंक का जन्मदाता पाकिस्तान है और अपने यहां पर आतंकियों को अब भी दूध पिला रहा है। जिसे लेकर कुछ समय तक तो वो पाकिस्तान को खुब लताड़ लगाता है और अब ढकोसला दे रहा है कि, उसकी सुरक्षा को लेकर F-16 लड़ाकू विमान की मरम्मत कर रहा है। पाकिस्तान को अपनी गोंद में बिठा कर अमेरिका ने साफ कर दिया है कि भारत के साथ वो किस तरह के रिश्ते चाहता है।

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प्लान बी पर काम कर रहा अमेरिका
इस्लामाबाद के साथ अमेरिका रिश्ते मजबूत कर रहा है। उसे करोड़ों डॉलर की बाढ़ राहत, F-16 फाइटर जेट पैकेज देने के बाद अब अमेरिका पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का दिल खोलकर स्‍वागत करने जा रहा है। ठीक उसी तरह जिस तरह हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का किया था। जिसे देखकर विश्‍लेषकों का कहना है कि भारत के रूस के साथ दोस्‍ती बरकरार रखने के बाद अमेरिका ने एक बार फिर से अपने ‘प्‍लान बी’ यानि नई दिल्‍ली के शत्रु पाकिस्‍तान के साथ अपने रिश्‍ते को मजबूत कर रहा है। भारत-रूस की दोस्‍ती के बरकरार रहने के बाद अब चालबाज अमेरिका अपनी पुरानी फितरत पर उतर आया है और प्‍लान बी पर काम कर रहा है। अमेरिका अब भारत के शत्रु पाकिस्‍तान की मदद कर रहा है।