US-Russia Meet In Turkey: रूस ने जब यूक्रेन (Russia-Ukraine War) पर सैन्य अभियान शुरू किया तो अमेरिका और पश्चिमी देश बौखला उठे। क्योंकि, सैन्य अभियान का ठेका तो सिर्फ अमेरिका-नाटो (Aemrica-NATO) ने उठा रखा है। बाकी कोई दूसरा करेगा तो वो उसे जंग कहेंगे और हमला करने वाले को आतंकवादी कहेंगे। कुछ ऐसा ही पश्चिमी देशों ने रूस के साथ किया। रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाये अपनी पूरी ताकत लगा दी। लेकिन, अंत में अगर देखा जाय तो पश्चिमी देशों को इसका खामियजा ज्यादा भुगतना पड़ा। अब तो पुतिन परमाणु हमले का भी धमकी दे चुके हैं। ऐसे में जंग शुरू होने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि, रूस और अमेरिका (US-Russia Meet In Turkey) एक साथ मिले हो। तुर्की में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और रूसी खुफिया एजेंसी के प्रमुखों के बीच (US-Russia Meet In Turkey) बैठक हुई। इस तरह की हाई लेवल मीटिंग जंग के बाद पहली बार हुई है। सबसे बड़ी बात इसमें युद्ध रोकने को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई।
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परमाणु हमले पर हुई चर्चा
CIA प्रमुख बिल बर्न्स (William Burns) और SVR के प्रमुख सर्गेई नारिशकिन (Sergey Naryshkin) ने तुर्की की राजधानी अंकारा में मुलाकात की। TASS समाचार एजेंसी के मुताबिक क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस मुलाकात की पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि बर्न्स ने रूसी अधिकारी के साथ इस बैठक के दौरान यूक्रेन में परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के बाद होने वाले परिणामों के बारे में चेताया। बर्न्स ने रूसी जेलों में कैद अमेरिकी कैदियों का मुद्दा उठाया। दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अमेरिकी पक्ष की पहल पर इस तरह की मुलाकात हुई है। बैठक में रूसी और अमेरिकी कैदियों की अदलाबदली की भी बात कही गई है। हालांकि बर्न्स की ये मुलाकात युद्ध रोकने की पहल नहीं है।
रूस के खिलाफ जा रहा ड्रैगन
तुर्की में बर्न्स की मुलाकात के बारे में यूक्रेन के अधिकारियों को जानकारी दी गई थी। इस जंग के बीच चीन ने भी ताइवान पर हमला करने की बात कही थी। जिसके बाद अमेरिका ने कहा था कि ऐसा हुआ तो पहले अमेरिका से सामना करना पड़ेगा। जिसके बाद चीन और अमेरिका में रिश्ते बेहद ही खराब स्थिति पर पहुंच गये थे। अब अमेरिकी राष्ट्रपति और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने परमाणु युद्ध के खतरे को रोकने पर चर्चा की। बाइडेन ने जिनपिंग के साथ ताइवान का मुद्दा उठा। शी जिनपिंग और बाइडेन की बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जल्द ही चीन की यात्रा करेंगे।
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रूस में अमेरिका का राजदूत रह चुके हैं बर्न्स
रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला बोला था, उसके बाद से लेकर अबतक में इस तरह की हाई लेवल मीटिंग पहली बार हुई है। बर्न्स रूस में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं। 2021 के अंत में बाइडेन ने बर्न्स को रूस भेजा था। उन्हें पुतिन को यह समझाने के लिए भेजा गया था कि यूक्रेन सीमा पर वह सैनिकों को बढ़ाना बंद करें।
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