Russian Strikes In Ukraine Donetsk: रूस ने जब खेरसॉन छोड़ा तो यूक्रेन और पश्चिम जमकर खुशी से झूम उठे। उन्हें लगा कि रूस हार रहा है और ऐसी ही खबरें मीडिया में जमकर परोसी भी गई। इस जंग में रूस अकेला यूक्रेन और 30 नाटो देशों से लड़ रहा है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका और नाटो (America and NATO) मिलकर अकेले रूस से जंग लड़ रहे हैं। इसके बाद भी हाल यह है कि ये बुरी तरह पिटते नजर आ रहे हैं। पूरे यूरोप में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। लोग नाटो का विरोध कर रहे हैं कि इस जंग से वो पीछे हटे। ऐसे में रूस के हारने की बात हो ही नहीं सकती। रही बात जेलेंस्की की तो वो पहले से ही झूठ और दूसरों के सहारे बैसाखी बने हुए हैं। जेलेंस्की का झूठ ही पूरे यूक्रेन को तबाह कर रहा है। इस वक्त हाल यह है कि, यूक्रेन को फिर से पहले जैसा होने में कई सदी लग जाएगा। लेकिन, इसके बाद भी वो पश्चिमी देशों के साथ मिलकर यूक्रेन को जंग का अखाड़ा बनाये हुए हैं। रूस ने खेरसॉन काफी सोच-समझकर छोड़ा (Russian Strikes In Ukraine Donetsk) है। जहां ज्यादा नुकसान हो वहां से हट जाना ही बेहतर होता है। यहां से हटते ही रूस ने यूक्रेन (Russian Strikes In Ukraine Donetsk) को ऐसा दर्द दिया है जिसके बारे में जेलेंस्की कभी सोच भी नहीं सकते थे।
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खेरसॉन छोड़ इन शहरों पर रूस का कब्जा
खबरों की माने तो रूस ने यूक्रेन के दोनेस्क क्षेत्र पर जमकर हमला बोल दिया है। हाल यह है कि, भाड़े के यूक्रेनी सैनिक मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। दोनेस्क के पूर्वी क्षेत्र पर रूस के हमले को यूक्रेन रोक पाने में विफल है। खेरसॉन छोड़ते ही रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है। जिसके बारे में यूक्रेन कभी सोचा भी नहीं था। रूस ने दोनेस्क में होर्लिव्का शहर या गोरलोवका के पास मेजरस्क गांव पर नियंत्रण कर लिया है।
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जेलेंस्की का घड़ियाली आंसू तबाह कर रहा यूक्रेन
रूसी हमले में यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन, पश्चिमी देशों के कहे पर चल रहे जेलेंस्की को अपने जनता से कोई मतलब नहीं है। वो उन्हें मरने के लिए छोड़ दिये हैं। दुनिया के सामने घड़ियाली आंसू बहाने वाले जेलेंस्की परदे के पीछे कहते हैं कि, वो रूस से कभी बात नहीं करेंगे। इस वक्त हाल यह है कि, यूक्रेन के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर निवासियों को पानी, बिजली, दवा और भोजन की कमी है और बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं एकदम ठप पड़ी हैं, इसमें खेरसॉन भी शामिल है। यूक्रेनी अधिकारियों के लिए नई चिंता है क्योंकि यह क्षेत्र युद्ध के कारण दयनीय स्थिति में है। खेरसॉन चार यूक्रेनी क्षेत्रों में से एक था जिस पर सितंबर में रूस ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था।