यह बात दुनिया जानती है कि आज जो यूक्रेन का हाल है वो सिर्फ और सिर्फ अमेरिका और नाटो देशों के चक्कर में है। न तो ये देश यहां अपनी गतिविधियां तेज किए होते न ही यूक्रेन रूस के खिलाफ जाता है और न ही युद्ध छिड़ी होता है। लेकिन अब जब युद्ध छिड़ गया है तो यही नाटो और अमेरिकी संग यूरोप देश यूक्रेन से अलग हो गए हैं। यह भी सच है कि इन देशों के रूस से डर है कि कहीं वो उनपर भी हमला न बोल दे जिससे यह साबित होने लगा है कि रूस अब यूरोपीय देशों से डरने वाला नहीं। इस अमेरिका को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमें कहा गया है कि, इस युद्ध के पीछे अमेरिकी माफियाओं का बहुत बड़ा हाथ रहा है।
रूस इस वक्त यूक्रेन में जमकर गोले बरसा रहा है। यूक्रेन में स्थित दिन-ब-दिन बद से बदतर होती चली जा रही है। अमेरिकी सैनिक लगातार यूक्रेन के शहरों पर कब्जा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इस बीच ईरान अमेरिाक पर भड़क गया है और कहा है कि, अमेरिका और पश्चिमी देशों की नीतियों के कारण यूक्रेन का यह हाल है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की नीतियों के कारण यूक्रेन में युद्ध जारी है। उन्होंने कहा है कि हम यूक्रेन में युद्ध रोकने के पक्ष में हैं। हम यूक्रेन में युद्ध खत्म होने की कामना करते हैं।
इसके साथ ही, अमेरिका को लताड़ लगाते हुए खामनेई ने कहा है कि, वाशिंगटन के माफिया शासन के कारण कई संकट पैदा हुए हैं। अमेरिका पश्चिम समर्थन नेताओं को स्थापित कर अन्य देशों में हस्तक्षेप करता है। यूक्रेन ऐसी ही अमेरिकी नीतियों का शिकार हो गया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया के लोगों को यूक्रेन संकट से यह सबक सीखना चाहिए कि पश्चिम पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने रूस का नाम बिना लिए हुए ही कहा कि, लोग सरकारों के सबसे महत्वपूर्ण समर्थक हैं और अगर यूक्रेन के लोगों ने उनकी सरकार का पूरी समर्थन किया होता, तो वे आज जहां हैं वहां नहीं होते।
बता दें कि, इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री अमिर अब्दुल्लाहियन ने भी यूक्रेन हमले को लेकर अमेरिका को जमकर सुना चुके हैं। उन्होंने कहा था कि, यूक्रेन संकट की जड़ें नाटो के उकसावे में है। हालांकि उन्होंने कहा है कि हम नहीं मानते कि युद्ध का सहारा लेना कोई समाधान है। यूक्रेन मसले को लेकर युद्धविराम स्थापित करना और एक राजनीतिक और लोकतांत्रिक समाधान खोजना अनिवार्य है।