तालिबान सरकार को मान्यता पाने के लिए तड़प रहा है। इसके लिए वो दूसरे देशों के सामने अपनी अच्छी छवि दिखाने की कोशिश भी कर रहा है, लेकिन असलियत से पूरी दुनिया वाकिफ है। तालिबान को मान्यता दिलाने के लिए चीन और पाकिस्तान अपने-अपने स्तर पर कोशिश कर रहा है। लेकिन कुछ खास सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है। इस कड़ी में एक बार फिर ईरान ने तालिबान को मान्यता देने में अड़ंगा डाला है। ईरान ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने से साफ इनकार कर दिया है।
Photo for Taliban's foreign minister with the Islamic Republic of Iran's foreign minister after an official diplomatic visit. pic.twitter.com/mTOp8eJfYa
— Asaad Hanna (@AsaadHannaa) January 9, 2022
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अभी भी तालिबान को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के मूड में नहीं है। कुछ दिन पहले ही तालिबान के विदेश मंत्री के नेतृत्व में इस आतंकी समूह का एक भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल ईरान के दौरे पर पहुंचा था। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने आपसी संबंधों को लेकर तेहरान में लंबी बातचीत भी की है। आपको बता दें कि अगस्त 2020 में काबुल पर तालिबान के कब्जे और अमेरिकी सेना की वापसी के बाद ये तालिबानी प्रतिनिधिमंडल का पहला ईरान दौरा था।
Taliban meeting with Iranian officials today in Iran. What more proofs do those who still doubt the apostaty of the Taliban want?
Ibnul-Qayyim RH:
when the heart dies, it does not have a sense of distinguishing between truth and falsehood.
(SHIFAA AL-'ALEEL, VOL 1, PG 104) pic.twitter.com/9lyZKjwbUJ
— Tinto (@Tintolitr) January 8, 2022
ईरानी विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार विदेश मंत्री अमीरबदुल्लाहियन ने बैठक के दौरान अफगानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगियों के गलत नीतियों की आलोचना की। ईरान ने कहा कि अमेरिका को मानवीय आधार पर अफगानिस्तान पर लगाए गए अपने प्रतिबंधों को खत्म करना चाहिए। उन्हें अफगान लोगों और अर्थव्यवस्था की मदद करनी चाहिए। ईरानी विदेश मंत्री ने यह भी वादा किया कि ईरान अपने पड़ोसी को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के जोशीले लोगों के प्रयासों ने दिखाया कि कोई भी विदेशी शक्ति अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं कर सकती है और उसके लोगों पर शासन नहीं कर सकती है।