फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास की तरफ से इजरायल पर सबसे बड़ा हमला किया गया है। इस हमले में अब तक 250 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत और यूरोप समेत अमेरिका के कई देशों ने भी इजरायल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (joe biden) ने इजरायल को पूरी मदद देने की पेशकश की है। लेकिन वहीं अब हमास के इस आतंकी हमले के बाद बाइडन, आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। उनसे सवाल किया जा रहा है कि आखिर उनके प्रशासन ने क्यों कैदियों की अदला-बदली के साथ ही ईरान के लिए छह अरब डॉलर के फंड को मंजूरी दी थी। इजरायल, अमेरिका का करीबी साथी रहा है। ईरान के लिए जो फंड मंजूर किया गया वह फ्रीज हो चुका था लेकिन इसके बावजूद ‘प्रिजनर स्वैप’ में इसे मंजूरी दी गई थी। रिपब्किलन पार्टी की तरफ से तो अब बाइडन (joe biden) को साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से बाहर करने की मांग उठने लगी है। रिपब्लिकंस अब स्थिति से निपटने के बाइडन के तरीकों की आलोचना कर रहे हैं। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने कहा, ‘ईरान ने इजरायल के खिलाफ इस युद्ध में फंडिंग में मदद की है और जो बाइडन की नीतियों ने ईरानी खजाने को भर दिया है।’ रॉन रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं जो रेस में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन की नीतियां ईरान के लिए आसान हैं और अब इजरायल अब उन नीतियों की कीमत चुका रहा है।
सितंबर में हुआ समझौता
रॉन का इशारा सितंबर में ईरान के साथ हुए कैदियों की अदला-बदली समझौते की तरफ था। इस डील की जानकारी पहली बार अगस्त में सामने आई थी। इस समझौते के तहत ने दक्षिण कोरिया से कतर को छह अरब डॉलर के ईरानी फंड के ट्रांसफर को मंजूरी देने के लिए प्रतिबंधों को भी माफ कर दिया। यह कदम अमेरिकी-ईरान कैदियों की अदला-बदली के लिए बहुत जरूरी बताया गया था। वहीं बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी की मानें तो छह अरब डॉलर में से एक भी डॉलर अभी तक खर्च नहीं किया गया है। यह पैसा पूरी तरह से मानवीय उद्देश्यों के लिए है। व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, ‘मैं हैच अधिनियम के कारण साल 2024 पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन मैं तथ्यों को स्पष्ट कर सकता हूं। इन फंडों में से एक भी प्रतिशत खर्च नहीं किया गया है और जब यह खर्च किया जाता है, तो इसे केवल ईरानियों के भोजन और दवा जैसी चीजों पर ही खर्च किया जा सकता है।’ हैच अधिनियम व्हाइट हाउस के अधिकारियों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकता है।
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दोहा में ही है सारा पैसा
दूसरी ओर ट्रेजरी विभाग के एक सीनियर अधिकारी ब्रायन नेल्सन ने कहा, ‘सितंबर में पांच अमेरिकियों की रिहाई सुनिश्चित करने की व्यवस्था के हिस्से के तौर पर प्रतिबंधित खातों में रखा गया सारा पैसा दोहा में ही रहेगा।’ अमेरिका-इजरायल-सऊदी के रिश्तों को सामान्य करने की बातचीत पर हमास के हमले का प्रभाव स्पष्ट नहीं है। लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी की मानें तो अमेरिका हमास की वजह से वार्ता को पटरी से उतरने नहीं देगा। अमेरिका इस बात पर जोर दे रहा है कि किसी भी समझौते में फिलिस्तीनियों को इजरायल की तरफ से कुछ रियायतें मिलें। लेकिन वो क्या होंगी यह बातचीत का विषय बना हुआ है।
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