हमास के इजरायल (Israel) पर भीषण हमले के बाद पूरे खाड़ी देशों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इजरायल (Israel) पर हमले का जहां ईरान और कई मुस्लिम देशों में जश्न मनाया जा रहा है, वहीं खाड़ी के एक अहम मुस्लिम देश यूएई ने हमास को जमकर लताड़ा है। यूएई ने कहा कि हमास का इजरायल पर हमला बहुत गंभीर और बहुत ज्यादा भड़काने वाला है। यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि वह इन खबरों से स्तंभित है कि हमास के सदस्यों ने इजराय के लोगों को उनके घरों से निकालकर बंधक बना लिया है। हमास के हमले में अब तक 700 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं।
यूएई ने कहा, ‘इजरायल (Israel) और फलस्तीन दोनों ही देशों के आम नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत पूर्ण संरक्षण मिला हुआ है और उन्हें संघर्ष में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।’ यूएई का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ईरान और कतर ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं सऊदी अरब ने बहुत सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया दी है। यूएई और सऊदी अरब दोनों इजरायल के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। इन दोनों ही सुन्नी मुस्लिम देशों को शिया देश ईरान के हमले का डर सता रहा है।
हमास ने क्यों किया इजरायल पर हमला ?
यूएई खाड़ी देशों में पहला ऐसा देश था जिसने साल 2020 में इजरायल को मान्यता दी थी। उसने दशकों से चल रही आ रही अपनी अरब नीति को बदल दिया था। यही नहीं सऊदी अरब भी इजरायल के साथ अपने रिश्ते सामान्य करने वाला था और इसी बीच ईरान के समर्थन चल रहे हमास ने इजरायल पर पिछले 50 साल में सबसे बड़ा हमला करके पूरी शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की है। हमास ने खुद माना है कि उसे इस भीषण और खूनी हमले को अंजाम देने में ईरान का समर्थन मिला है।
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इजरायल (Israel) और हमास के बीच युद्ध में ईरान समर्थित हिज्बुल्ला ने भी इजरायल मोर्टार से हमला किया है। इसको देखते इजरायल की सेना को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। इस सदमे के बीच इजरायल ने अपने 1 लाख सैनिकों को जुटा लिया है और वह अब गाजा में भीषण हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि लंबे और बहुत कठिन युद्ध के लिए देश को तैयार रहना होगा। इजरायल के सैनिक और फाइटर जेट लगातार हमास के ठिकानों पर बम बरसा रहे हैं जिसमें सैकड़ों फलस्तीनी हताहत हुए हैं।