अंतर्राष्ट्रीय

रूस-अमेरिका में परमाणु हथियारों की होड़,महाशक्तियां टकराएंगी और दुनिया होगी तबाह

Nuclear Weapon: रूस ने जब भी अपने जंग की रणनीति में बदलाव किया है तब-तब यूक्रेन को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। यूक्रेन को भारी तबाही का सामना करना पड़ा है। अब एक बार फिर से रूस युद्ध की रणनीति में बदलाव करने वाला है। दरअसल रूस ने अमेरिका के साथ अपने परमाणु करार को तोड़ दिया है। दोनों देशों के बीच 2011 में न्यू स्टार्ट संधि हुई थी। तब यह सहमति बनी थी कि दोनों देश 2018 तक अपने-अपने परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करेंगे और परमाणु परीक्षण से बचेंगे। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की यूक्रेन यात्रा से चिढ़े रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस संधि से रूस के बाहर निकलने का ऐलान कर दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, 1 सितंबर 2022 तक अमेरिका के पास 1420 तैनात वॉरहेड और 659 स्ट्रैटजिक डिलीवरी सिस्टम तैनात थे। वहीं, रूस के पास 1549 हथियार और 540 स्ट्रैटजिक लांचर तैनात थे। वॉरहेड परमाणु हथियारों की संख्या होती है और स्ट्रैटजिक डिलीवरी सिस्टम में मिसाइल, परमाणु बमवर्षक, परमाणु पनडुब्बियां शामिल होती हैं।

दोनों के पास 90 फीसदी परमाणु हथियार

अमेरिका और रूस के पास कुल मिलाकर तैनात और तैनात करने योग्य परमाणु हथियारों की संख्या कहीं अधिक है। रूस के पास शस्त्रागार में 5,977 परमाणु हथियार हैं। अमेरिका के पास 5,428 वॉरहेड हैं। इन दोनों देशों के पास दुनिया के लगभग 90 फीसदी परमाणु हथियार हैं। पुतिन ने न्यू स्टार्ट संधि से बाहर निकलते ही ऐलान किया था कि हम संभावित सैन्य खतरों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए अपने सशस्त्र बलों को विकसित और मजबूत करना जारी रखेंगे।

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हाइपरसोनिक मिसाइलों करेंगे तैनात

पुतिन ने रूसी सेना को संबोधित करते हुए अपने भाषण में कहा था कि हम कुछ प्रमुख हथियार प्रणालियों को इस साल के अंत तक तैनात करेंगे। इसमें सुपरसोनिक किंजल सिस्टम और जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं। पुतिन ने कहा कि रूस हाइपरसोनिक किंजल सिस्टम का बड़े पैमाने पर उत्पादन जारी रखेगा और समुद्र-आधारित ज़िरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइलों की बड़े पैमाने पर आपूर्ति शुरू करेगा।

रूसी बोरेई क्लास की पनडुब्बियां खतरनाक

यह बोरेई-ए क्लास की सातवीं पनडुब्बी है। इस क्लास की सभी पनडुब्बियां 16 की संख्या में बुलावा सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल से लैस हैं। हालांकि, पुतिन की सबसे महत्वपूर्ण घोषणा 2022 के अंत तक नई परीक्षण की गई सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को तैनात करने का उनका निर्णय था। यह तरल ईंधन से चलने वाली रूस की सबसे ताकतवर परमाणु मिसाइलों में से एक है। इसकी ताकत के कारण ही नाटो ने इसे शैतान-2 का नाम दिया है।

अमेरिका-रूस के पास दुनिया को खत्म करने वाले हथियार

दुनिया को खत्म कर सकने वाले पांच आईसीबीएम में से सरमत मिसाइल को सबसे घातक मिसाइल कहा जाता है। अन्य चार में अमेरिका की ट्राइडेंट D5 मिसाइल दूसरे पर है, जिसे ट्राइडेंट II (सबमरीन लॉन्च) के रूप में भी जाना जाता है। तीसरे नंबर पर रूस की RT-2PM Topol मिसाइल काबिज है। यह रोड-मोबाइल और साइलो बेस्ड परमाणु मिसाइल है। चौथे नंबर पर अमेरिका की LGM-30G MINUTEMAN III मिसाइल है, जो ग्राउंड बेस्ड आईसीबीएम है।

आईएन ब्यूरो

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