अंतर्राष्ट्रीय

TTP के आतंकियों पर काल बनकर उतरेगी पाकिस्‍तान मिलिट्री,खेल रहा मौत का खूनी खेल

पाकिस्तान (Pakistan) ने जिन आतंकवादियों को भारत के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए जन्म दिया था आज वही उसकी कब्र खोदने में लगे हुए हैं और मुल्क में धमाके करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि नये साल के शुरू होते ही देश अब दो टूकड़ों में बंटता दिख रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की शहबाज सरकार और आर्मी के लिए इस समय एक बड़ी टेंशन टीटीपी बनाकर उभरा है। टीटीपी इस वक्त पाकिस्तान में जमकर हमले कर रहा है।

यही नहीं पाकिस्‍तान (Pakistan) की सेना और सरकार इस कदर मजबूर हो गई है कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि तहरीक-ए-तालिबान (TTP) पर कैसे लगाम लगाई जाए। खैर, इसके चलते अब इसकी एक नई तरकीब निकाली गई है। नेशनल सिक्‍योरिटी कमेटी (NSC) ने उस मिलिट्री ऑपरेशन को मंजूरी दे दी है जिसके तहत देशभर में टीटीपी के आतंकियों को घेर-घेरकर मारा जाएगा। यह एक्‍शन प्‍लान साल 2014 की उसी राष्‍ट्रीय योजना का हिस्‍सा है जो पेशावर में आर्मी स्‍कूल पर हुए हमले के बाद शुरू की गई है।

तालिबान-अफगान ने तोड़ा वादा

एनएससी की मीटिंग में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। मीटिंग में तय हुआ है कि आतंकियों से किसी भी तरह की कोई बात नहीं होगी। मीटिंग में टॉप मिलिट्री लीडर्स भी मौजूद थे। कमेटी में अफगानिस्‍तान का भी जिक्र हुआ। पाकिस्‍तान की सरकार का मानना है कि सत्‍ता संभालने के बाद अफगान तालिबान ने जो वादा किया था, उसे पूरा करना पड़ेगा।सरकार ने मीटिंग में तय किया है कि किसी भी तरह की घुसपैठ को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। मी‍टिंग में इस बात पर चर्चा हुई है कि अफगान तालिबान को बॉर्डर पर शांति कायम करनी ही पड़ेगी। डॉलर की स्‍मगलिंग करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़े: Taliban पर बौखलाया पाकिस्तान, अफगानिस्तान में घुसकर मारने की दी धमकी

सीजफायर किया खत्‍म

TTP की शुरुआत साल 2007 में हुई थी और बैतुल्‍ला मसूद ने इसे शुरू किया था। यह ग्रुप खुद को अफगानिस्‍तान तालिबान का ही हिस्‍सा करार देता है। इसका सिर्फ एक मकसद है और वह है देश में इस्‍लामिक कानून को लागू कराना। टीटीपी इस समय उत्‍तरी वजीरिस्‍तान और खैबर में ज्‍यादा ताकतवर है और ये दोनों ही जगहें अफगानिस्‍तान बॉर्डर से सटी हुई हैं। टीटीपी की तरफ से पिछले दिनों अपने आतंकियों को निर्देश दिया है कि वो पाकिस्‍तानी सेना पर हमले जारी रखें।

काबुल ने बिगाड़ा खेल

टीटीपी ने पिछले दिनों पाकिस्‍तान (Pakistan) की सरकार के साथ हुए युद्धविराम समझौते को खत्‍म कर दिया है। टीटीपी उसी विचारधारा को मानता है जिसे अफगान तालिबान मानता है। जब से काबुल में तालिबान का शासन हुआ है तब से ही पाकिस्‍तान में टीटीपी ताकतवर हो गया है।

आईएन ब्यूरो

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