अंतर्राष्ट्रीय

Sharif ने जनता का घोंटा गला! फोड़ा 180 अरब का TAX बम- फिर भी IMF नाखुश

Pakistan IMF Tax: पाकिस्तान इस वक्त भयानक आर्थिक तंकी से जुझ रहा है। न तो खाने के लिए कुछ बचा है और न ही विदेशों से खरीदने के लिए पैसे बचे हैं। हाल यह है कि, मुल्क में आटा, गेहूं, दाल, प्याज से लेकर पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लग गई है। हर दौनिक जरूरत की चिजों के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बीच शहबाज शरीफ की सरकार ने जनता के ऊपर 180 अरब रूपये का टैक्स बम (Pakistan IMF Tax) फोड़ दिया है। दरअसल, ये डील ये बता रही है कि, पाकिस्तान खुद को डिफॉल्ट से बचाने के लिए IMF के साथ डील की कोशिश में लगा है। हर हाल में पाकिस्तान इस डील को चाहता है। इसलिए पाकिस्तान ने IMF (Pakistan IMF Tax) के साथ डील को हासिल करने का अपना आखिरी प्रयास किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिजली और गैस टैरिफ और सामान्य बिक्री कर (GST) में बढ़ोतरी का आदेश दे दिया है।

शहबाज सरकार के फैसले से अब भी खुश नहीं है IMF
शहबाज सरकार ने पाकिस्तान के राजस्व संघीय बोर्ड FBR के वार्षिक टैक्स टार्गेट को बढ़ा कर 7,650 अरब रुपए कर दिया है। इसमें 180 अरब रुपए की बढ़ोतरी की गई है। जीएसटी को 17 फीसदी की जगह 18 फीसदी करके पांच महीनों में 55 अरब रुपए इकट्ठा करने का लक्ष्य है। पाकिस्तान की इतनी कोशिशों के बाद भी IMF अभी भी ज्यादा संतुष्ट नहीं है। IMF अब भी बिजली की कीमतों को बढ़ाने की शर्त पर अड़ा हुआ है। IMF चाहता है कि, बिजली की कीमत को 12.50 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ा कर 14 रुपए प्रति यूनिट कर दिया जाए। IMF ने टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने और खर्चों को कम करने का भी सुझाव दिया है। पाकिस्तान की ओर से IMF के साथ डील करने वालों को सबसे ज्यादा मुश्किल बिजली की शर्तों पर हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि IMF का साफ कहना है कि बिजली की कीमतों से सब्सिडी खत्म की जाए।

पाकिस्तान के आगे मुश्किलें ही मुश्किलें
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टेक्निकल लेवल पर बातचीत सोमवार को खत्म हो गई। इसके बाद IMF नीतिगत स्तर पर बातचीत करेगा। अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 9 फरवरी को बातचीत अपना अंतिम रूप ले सकती है। पाकिस्तानी पक्ष लगातार IMF से इस बात को लेकर डील कर रहा है कि 300 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को राहत मिलनी चाहिए। वहीं आईएमएफ का कहना है कि सिर्फ 200 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ताओं को ही छूट मिलनी चाहिए। हाल यह है कि, अगर पाकिस्तान बेलआउट पैकेज नहीं पाता तो भी वह बर्बाद हो जाएगा और अगर IMF की शर्तों को मानता है तो भी उसकी मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। आने वाले दिनों में पाकिस्तान में और भी ज्यादा बुरे हालात देखने को मिल सकते हैं। शायद श्रीलंका से भी कहीं ज्यादा भयानक परिस्थिती देखने को मिल सकती है।

यह भी पढ़ें- ‘भिखारी’ पाकिस्तान ने फिर दिखाई अपनी औकात,न्यूक्लियर को लेकर शहबाज शरीफ ने दी ये धमकी

आईएन ब्यूरो

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