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पाकिस्तान ने जिसे US कश्मीर के खिलाफ बोलने भेजा, वही बोला- जो मिला उसमें खुश रहे Imran Khan

पाकिस्तान मंत्री ने जम्मू कश्मीर पर इमरान खान को दी नसीहत

पाकिस्तान अपने देश के मुद्दाओं पर कम और भारत में ज्यादा दिलचस्पी रखता है, और सबसे ज्यादे उसकी दिलचस्पी जम्मू-कश्मीर में है। जहां वो सालों से आतंक फैलाने का काम कर रहा है और हर बार मुह की खा रहा है। वैश्विक मंच पर जब भी पाकिस्तान को मौका मिलता है तो वह जम्मू-कश्मीर का नाम लेने नहीं भूलता और इसी को लेकर अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बेइज्जती भी हुई है लेकिन इससे पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ता। इस बार तो जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के ही एक मंत्री ने इमरान खान के मुंह पर तमाचा मारा है।

दरअसल, इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में जम्मू-कश्मीर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जिस शख्स को चुना, उसी ने पाकिस्तान को नसीहत दे दी है। इस बार इमरान खान संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने प्रत्यक्ष रूप से नहीं आए हैं, उन्होंने अपने विदेश मंत्री और सांसद शहरयान खान अफरीदी को अमेरिका भेजा। शहरयान पाकिस्तानी संसद की कश्मीरी संबंधी विशेष समिति के चेयरमैन हैं। उन्होंने अमेरिका के टाइम स्क्वॉयर में जोर देकर कहा कि पाकिस्तानियों को उनके पास जो कुछ भी है, उसके लिए आभारी होना चाहिए।

मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, कश्मीर पर पाकिस्तान की संसदीय समिति के अध्यक्ष शहरयार खान अफरीदी न्यूयॉर्क पहुंचे, जहां यूएनजीए शिखर सम्मेलन हो रहा है। इस बीच वो टाइम स्क्वायर में घूमते हुए और फुटपाथ पर बेघर लोगों के लिए वीडियो बनाते हुए नजर आए। उन्होंने लाइव वीडियो के दौरान गुजर रही महिलाओं पर भी कमेंट किया।

शहरयान खान अफरीदी अपने इस लाइव वीडियो में पाकिस्तानियों को सभी चीजों के लिए आभारी होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि, देश में महिलाओं की स्थिति को देखो जो मानवाधिकारों पर दूसरों को व्याख्यान देती हैं। पाकिस्तान में महिलाएं उन देशों की तुलना में बेहतर परिस्थितियों में रह रही हैं, जो मानवाधिकारों की चैंपियन होने का ढोंग करते हैं। शहरयार खान को लेकर कहा जा रहा है कि, इमरान खान ने उन्हें अमेरिका इसलिए भेजा है ताकि, वह कश्मीर मुद्दे पर जाकर दुष्प्रचार करें।

अमेरिका के खिलाफ जाना पाकिस्तान को अब भारी पड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि जिस सांसद को इमरान खान ने अपनी जगह बोलने के लिए अमेरिका भेजा था उन्हें अमेरिकी हवाई अड्डे पर रोक कर तलाशी ली गई। यहां तक की उनके कपड़े उतरवा दिया गया, इमिग्रेशन ऑफिसर ने तीन घंटे तक उनसे पूछताछ के बाद उनको वापस पाकिस्तान भेजने का फैसला किया। लेकिन काफी आग्रह के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें पाकिस्तान सरकार से फोन पर बात करने की इजाजत दी।