अंतर्राष्ट्रीय

Imran की गिरफ्तारी से Pakistan में बवाल! गृहयुद्ध जैसे हालात, दुनिया पर मंडराया परमाणु बमों का खतरा

पाकिस्तान (Pakistan) के अंदर इस वक्त इतनी आग लगी है कि उसे बुझाते-बुझाते उसे कई साल लग जाएंगे। एक ओर जहां पाकिस्तान कंगाली से बुरी तरह जूझ रहा है तो दूसरी ओर मुल्क हिंसा की आग में जलने लगा है। फिलहाल, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह गिरी हुई है। इन सबके अलावा अब मुल्क हिंसा की आग में जल उठा है। दरअसल, इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी होते ही पूरे देश में उनके समर्थक सड़कों पर आ गए। पूरी रात जमकर प्रदर्शन किया गया। इमरान खान के घर के बाहर भारी मात्रा में उनके समर्थक जुट गये। वहीं कई लोग यह सवाल करने लगे हैं कि इन हालातों में पाकिस्‍तान के पास जो परमाणु बम हैं उनका क्‍या होगा। देश के पास इस समय कुल 165 परमाणु हथियारहैं। पहले से ही दुनिया को इस बात का डर था कि अगर ये हथियार आतंकियों के हाथ लग गए तो फिर क्‍या होगा। अब जबकि जनता आर्मी हेडक्‍वार्ट्स तक को निशाना बना रही है तो फिर यह डर भी दोगुना हो गया है।

पहला परमाणु बम कब हुआ इस्तेमाल

इमरान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तरफ से समर्थकों से अपील की गयी है कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों को तेज कर दिया जाए। इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार होने के बाद से ही पूरे पाकिस्‍तान में हिंसा तेज होती नजर आ रही है। पाकिस्‍तान हमेशा से ही आतंकियों का गढ़ रहा है और वर्तमान स्थिति में हालात बेहद नाजुक हो गए हैं। साल 1998 में प‍ाकिस्‍तान ने पहला परमाणु बम बनाया था। ये परमाणु बम उस समय बनाया गया था जब भारत ने पोखरण में सफल परमाणु प‍रीक्षण किया। वर्तमान स्थिति भारत समेत पूरी दुनिया के लिए बहुत ही गंभीर है।

परमाणु हथियारों को राष्‍ट्रीय संपत्ति बताया

पाकिस्‍तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री ऑफिस की तरफ से मार्च में जो बयान दिया गया था उसके बाद कई तरह की आशंकाएं लगाई गई थीं। इस बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसके बारे में कई देशों को परेशानी है। सरकार का दावा था पूरा कार्यक्रम फूलप्रूफ है और किसी भी तरह के दबाव में नहीं है।

ये भी पढ़े: पाकिस्तान में इमरान ख़ान की अचानक गिरफ़्तारी, पूर्व पीएम और सेना के बीच संघर्ष शुरू

क्‍या हुआ था चेचन्‍या में

आतंकवादी संगठनों के साथ ‘अंदरूनी सूत्रों’ की मिलीभगत के कारण परमाणु हथियार चोरी करने की आशंका बहुत हद तक बढ़ जाती है। पाकिस्‍तान मामलों के जानकार मानते हैं कि सेना का इस्लामीकरण सबसे बड़ा खतरा है, जिसके परिणामस्वरूप परमाणु गलत हाथों में पड़ सकते हैं। पाकिस्‍तान के हालातों के बाद से सन् 1999 में चेचन्‍या में हुई एक घटना याद आ गई है। उस समय चेचन विद्रोहियों ने कोबाल्‍ट-60 की चोरी कर ली थी। विद्रोहियों ने मेक्सिको सिटी में कोबाल्ट-60 ले जा रहे एक ट्रक का अपहरण कर लिया था।

कई भारतीय रणनीतिकार हमेशा से ही मानते आए हैं कि पाकिस्‍तान (Pakistan) परमाणु आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है। ऐसे समय में जब देश कंगाली की कगार पर है और हर तरफ हिंसा का आलम है, दुनिया पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों के बारे में सोचकर ही घबरा रही है।

आईएन ब्यूरो

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