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पाकिस्तान में इमरान ख़ान की अचानक गिरफ़्तारी, पूर्व पीएम और सेना के बीच संघर्ष शुरू

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान (फ़ोटो: इंस्टाग्राम)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ़्तार कर लिया गया। आईएचसी ने अब इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख, आंतरिक मंत्रालय के सचिव और अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल को अदालत में पेश होने और यह बताने के लिए कहा है कि ख़ान को क्यों गिरफ़्तार किया गया है।


पाकिस्तान सशस्त्र बलों की जनसंपर्क एजेंसी, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा ख़ान को चेतावनी जारी करने के ठीक एक दिन बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था, “एक सेवारत वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के ख़िलाफ़ उनके अत्यधिक ग़ैर-ज़िम्मेदार और निराधार आरोपों” के बारे में चेतावनी जारी की थी।
आईएसपीआर ने कहा था कि पिछले एक साल से ख़ान आक्षेपों और सनसनीखेज प्रचार के ज़रिए सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियों के अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।


“ये मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण आरोप बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और अस्वीकार्य हैं… हम संबंधित राजनीतिक नेता से क़ानूनी रास्ते का सहारा लेने और झूठे आरोप लगाना बंद करने के लिए कहते हैं। यह संस्था स्पष्ट रूप से झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों और प्रचार के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखती है।”

इमरान ख़ान की लोकप्रियता ज़ाहिरी तौर पर बढ़ गयी है।उन्होंने देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल देने का आरोप लगाते हुए सेना के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय तक अभियान चलाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ की सरकार को एक “आयातित सरकार” कहकर भी निशाना बनाया है, जिसे विदेशी शक्तियों और शक्तिशाली सेना द्वारा सहारा दिया गया है।

ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने अपने नेता का एक प्री-रिकॉर्डेड वीडियो जारी किया।
सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) की इच्छा के विपरीत ख़ान समय से पहले चुनाव कराने पर ज़ोर दे रहे हैं। चुनावी मुद्दे ने शीर्ष अदालत, राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच दरार पैदा कर दी है।

इस बीच ब्रिटेन का दौरा कर रहे शहबाज ने अपने भाई नवाज़ की सिफ़ारिश पर अपनी यात्रा को एक दिन बढ़ा दिया है।