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भारत पर भड़का Pakistan! कश्‍मीर में नए पनबिजली प्रॉजेक्‍ट शुरू करने पर बौखलाया जिन्नालेंड

जम्‍मू-कश्‍मीर में चिनाब नदी पर भारत ने दो नई पनबिजली परियोजनाओं की शुरुआत की है। इनका नाम किरू और क्‍वार है। भारत के पनबिजली परियोजनाओं पर पाकिस्‍तान भड़क उठा है। पाकिस्‍तान ने भारत के डिजाइन पर आपत्ति जताई है और दावा किया है कि यह साल 1960 में हुई सिंधु जल‍संधि का उल्‍लंघन है। भारत और पाकिस्‍तान पहले ही किशनगंगा और रतले हाइड्रोपावर प्रॉजेक्‍ट की डिजाइन को लेकर अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस ताजा विवाद से एक बार फिर से दोनों देशों के बीच विवाद गरमा गया है।

भारत की ये परियोजनाएं पाकिस्तान में बहने वाली नदियों पर बनाई जा रही हैं। पाकिस्तान ने हाल ही में सिंधु जल आयोग के स्तर पर भारत के साथ बातचीत में कश्‍मीर में किरू और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन पर आपत्ति जताई है। किरू जलविद्युत परियोजना की क्षमता 624 मेगावाट और क्वार जलविद्युत परियोजना की क्षमता 540 मेगावाट है। सिंधु जल संधि के नियमों के तहत भारत अपनी पनबिजली परियोजनाओं का डिजाइन पाकिस्तान के साथ साझा करने के लिए बाध्य है।

हेग में कानूनी लड़ाई लड़ रहे भारत और पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इस पूरे मामले में कहा, ‘हां, भारत ने कुछ दिन पहले हमसे दो और पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन साझा किए हैं, जिन्हें वह चिनाब नदी पर बनाने की योजना बना रहा है। हमने दोनों परियोजनाओं के डिजाइन पर अपनी आपत्तियां दर्ज की हैं, जिनमें स्पिलवे, फ्रीबोर्ड और पोंडेज शामिल हैं।’ उन्‍होंने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान की बार-बार आपत्तियों के बावजूद अपनी परियोजनाओं के डिजाइन में सिंधु जल संधि के डिजाइन-संबंधी प्रावधानों का उल्लंघन दोहरा रहा है।

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पाकिस्‍तानी अधिकारी ने दावा किया कि किशनगंगा और रटले परियोजनाओं में अपनाए गए इसी तरह के कथित दोषपूर्ण डिजाइन को भारत द्वारा पाकिस्तान की नदियों पर बनाए जा रहे और ज्‍यादा जलविद्युत परियोजनाओं में दोहराया जा रहा है। अभी, दोनों देश झेलम नदी पर बने किशनगंगा परियोजना के डिजाइन और चिनाब नदी पर बने रटले परियोजना को लेकर हेग में मध्यस्थता अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान का दावा है कि उसका मामला बहुत मजबूत है और अगर वह मध्यस्थता अदालत में जीत जाता है तो भारत पाकिस्तान की नदियों पर भविष्य में कोई भी ऐसी परियोजना नहीं बना पाएगा जिसके डिजाइन सिंधु जलसंधि का उल्लंघन करते हैं।