75 साल में पाकिस्तान के 5 टुकड़े! नॉर्थ वजीरिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध, बाकी 2 और कौन देखें रिपोर्ट

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भारत की आजादी से एक दिन पहले पाकिस्तान कथित आजादी का जश्न मनाता है। कथित आजादी इसलिए कि आजाद तो भारत हुआ था, पाकिस्तान तो जिन्नाह ने छीना था छल-कपट और ब्लैकमेल करके। इसीलिए अखण्ड भारत से अलग हुए हिस्से को श्राप लगा है प्रकृति का। श्राप लगा है उन लाखों लोगों का निर्दोष थे मगर मौत के घाट के उतार दिए गए। श्राप लगा है उन बहन-बेटियों का जिनकी इज्जत-अस्मत लूटी गई और कत्ल कर कुओं में फेंक दिया गया। नतीजा देखिए, 14 अगस्त को पूरे पाकिस्तान में आजादी का जश्न नहीं मनाया जा रहा है।</p>
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— South Asia Press (@SouthAsiaPress) <a href="https://twitter.com/SouthAsiaPress/status/1558071424056807424?ref_src=twsrc%5Etfw">August 12, 2022</a></blockquote>
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बलूचिस्तान में निरीह और निर्दोष लोगों पर गोली चलाई जा रही हैं। नॉर्थ वजीरिस्तान में टीटीपी ने कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी फौज और पुलिस नॉर्थ वजीरिस्तान से गायब है। टोल नाको पर टीटीपी के खाड़कू टैक्स वसूली कर रहे हैं। टीटीपी ने स्वात घाटी के सबसे ऊपर सर्विलांस चौकी स्थापित कर ली है। पाकिस्तानी सरकार दुनिया से भले ही इस बात को छुपाने की कोशिश करे लेकिन एक हफ्ते पहले से सोशल मीडिया पर खबरें और विजुवल्स आ रहे हैं कि सीमावर्ती इलाकों पर टीटीपी का कब्जा हो गया है। टीटीपी अपने खर्चों के लिए सूबाई सरकार के ओहदेदारों से भी महीना वसूली कर रही है। सूबाई सरकार के ओहदेदार नाम के रह गए हैं। नॉर्थ वजीरिस्तान और कबीलाई इलाकों में पाकिस्तान के सूबाई सरकार या फेडरल गवर्नमेंट के कानून नहीं बल्कि टीटीपी के जुबानी कानून चल रहे हैं।</p>
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इसके अलावा पश्तून तहाफ्फुज मूवमेंट, जै सिंधुस्थान मूवमेंट और गुलाम कश्मीर (पीओके) में आजादी का आंदोलन तो गिलगिट बालटिस्तान में अलगाव की तहरीकें चल रही हैं। पाकिस्तान में मंहगाई सुरसा की तरह बढ़ रही है। रोज-मर्रा के खर्च के लिए पाकिस्तान की सरकार के पास पैसे नहीं हैं। श्रीलंका की तरह पाकिस्तान किसी भी वक्त दीवालिया घोषित किया जा सकता है। (अवैध) पाकिस्तान की सरकार और विरोधी सियासी दल एक दूसरे को चोर और मक्कार साबित करने पर तुले हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के चीफ ऑफ स्टाफ जेल की सलाखों के पीछे हैं। इमरान खान भी भ्रष्टाचार और विदेशों से चंदा लेने के आरोप में किसी भी वक्त गिरफ्तार किए जा सकते हैं। पाकिस्तान की फौज इस बार सामने आकर तो नहीं लेकिन पर्दे के पीछे से खूब खेल रही है। मतलब यह कि जनरल बाजवा अपनी उंगलियों पर शहबाज शरीफ और इमरान खान दोनों को नचा रहे हैं। यहां शहबाज शरीफ का मतलब पूरी पीडीएम है। यानी सरकार और सियासत पाकिस्तानी आर्मी की कठपुतली बने हुए हैं।</p>
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पाकिस्तान को फेल्ड स्टेट होने से बचाने के लिए आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने दुनिया भर के तमाम देशो का दौरा किया है। जनरल बाजवा अमेरिका-इंग्लैण्ड के अलावा यूएई और सऊदी अरब के दरबार में भी हाजिरी लगाने पहुंचे। बाजवा को चीन ने दूर से ही संकेत दे दिया कि अभी कटोरा आगे मत बढ़ाना। अवैध (पाकिस्तान) की दुर्गति देखिए कि देश की कमान नाम लिए चुनी हुई सरकार के हाथ में है। लेकिन दुनिया का कोई भी देश इस चुनी हुई सरकार का भरोसा ही नहीं करता। आर्मी चीफ पाकिस्तान की रक्षा नीति तय करते हैं, आर्मी चीफ विदेश नीति तय करते हैं और घरेलू मामले तो पहले से ही आर्मी तय करती थी अब आर्थिक मामले भी सेना ही तय कर रही है।  </p>
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(अवैध) पाकिस्तान में कथित आजादी के जलसों के नाम पर विरोध प्रदर्शन और शक्ति प्रदर्शन हो रहे हैं। पाकिस्तान 1971 की स्थिति में पहुंच चुका है। अगले 14 अगस्त तक कोई पता नहीं कि कितने देश होंगे। पाकिस्तान का बंटवारा होकर दो-तीन आजाद मुल्क और धरती के नक्शे पर आ जाएँ तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। मुमकिन है मीनार-ए-पाकिस्तान पर किसी दूसरे ही मुल्क का झण्डा फहरा रहा हो। सिंध और बलूचिस्तान में किसी और मुल्क का। कवायली इलाकों में टीटीपी का परचम तो फहराने ही लगा है। बस, ऐलान बाकी है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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