अंतर्राष्ट्रीय

‘भारत में आज़ाद है मुसलमान’! पाकिस्तानी प्रोफेसर ने फिर उड़ाई अपने ही देश की धज्जियाँ

भारत जो की एक खूबसूरत देश के तोर पर ब्रिटिश राज की गुलामी से आज़ाद हो कर उभरा। वह देश बटवारे (Pakistan) की बदसूरती की भेंट चढ़ गया। यह बटवारा खूनो की नदियां बहा कर किया गया। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अंग्रेजों से मांग की थी, कि मुस्लिमों को उनका अलग देश दिया जाए। आज जहां भारत तरक्‍की के रास्‍ते पर है तो वहीं पाकिस्‍तान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। पाकिस्‍तान मूल के एक प्रोफेसर ने भारत के बारे में कई बातें कही हैंपाकिस्‍तान के प्रोफेसर डॉक्‍टर इश्तियाक अहमद पिछले दिनों एक कार्यक्रम के लिए भारत आए थे। वह भारत में मुसलमानों को मिली आजादी देखकर हैरान हुए बिना नहीं रह पाए।

पाकिस्‍तानी (Pakistan) जर्नलिस्‍ट आरजू काजमी को दिए इंटरव्यू में उन्‍होंने बताया कि जब वह भारत आए तो उन्‍हें वह सारी बातें झूठ लगने लगी थीं जिसमें भारत में मुसलमानों की खराब हालत का जिक्र था। उनकी मानें तो भारत में मुसलमान महिलाएं भी आजादी से बुर्का पहनकर बाइक चला रही हैं और अपने पति या फिर ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ समंदर के किनारे पार्क में बैठती हैं। उनकी मानें तो पाकिस्‍तान में ऐसा नजारा तो शायद ही कभी देखने को मिले। इसके साथ ही उन्‍होंने कराची की तुलना मुंबई से न करने की रिक्‍वेस्‍ट भी की। उनका कहना था कि कराची को मुबई कहना छोड़ दें क्‍योंकि मुंबई तो बिल्‍कुल न्‍यूयॉर्क जैसा लगता है।

भारत में आज़ाद है मुसलमान

प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने बताया कि अगर आप भारत के किसी छोटे से शहर में भी चले जाएं मस्जिद आसानी से देखने को मिल जाएगी। पंजाब और बाकी राज्‍यों में भी मस्जिद को देखना बहुत आसान है। उन्‍होंने बताया कि वह एक बार उर्दू तरक्‍की बोर्ड जो हिन्‍दुस्‍तान का सबसे बड़ा बोर्ड है, उनके जनरल सेक्रेटरी की तरफ से उन्‍हें बुलाया गया था। उनका कहना था कि वह बोर्ड काफी बड़ा है और मुसलमानों की ठाठ है। प्रोफेसर इश्तियाक के मुताबिक उर्दू बोर्ड की भारत के 550 शहरों में शाखााएं हैं। उनकी मानें तो उर्दू तरक्‍की बोर्ड के लिए यह बहुत बड़ी संख्‍या है। उन्‍होंने कहा कि भारत में रात में भी मुसलमान आजादी से घूमता है और दुकानों पर आराम से सामान खरीदता है।

भारत चढ़ रहा है तरक़्क़ी की सीढ़ियां

प्रोफेसर इश्तियाक के मुताबिक इस्‍लामाबाद को तो बनाया गया है लेकिन दिल्‍ली का तो अपना ढाई-तीन हजार साल पुराना इतिहास है। अगर पाकिस्‍तान का कोई शहर उसे टक्‍कर दे सकता था तो वह लाहौर था लेकिन अब उसका भी बुरा हाल है। प्रोफेसर इश्तियाक का कहना है कि भारत का मीडिल क्‍लास अब यूरोप से आगे है और उनकी परचेजिेग पावर भी बढ़ रही है। प्रोफेसर का कहना था कि पाकिस्‍तान के लाहौर का जो रहन-सहन का स्‍तर है उसकी तुलना अगर नई दिल्‍ली से मुंबई की जाए तो काफी अंतर नजर आएगा। भारत ने हर क्षेत्र में तरक्‍की की है। वहां पर तकनीकी शिक्षा पर काफी जोर दिया गया है और इस वजह से भारत ने काफी तरक्‍की कर ली है। पाकिस्‍तान इस दिशा में पिटा हुआ है।

यह भी पढ़ें: खज़ाना खाली, क़र्ज़ से बेहाल! फिर भी परमाणु सुरक्षा में भारत से आगे निकला Pakistan

आईएन ब्यूरो

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