Pakistan Russian Oil: पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। देश में खाने-पीने चीजों की कमी तो है कि साथ ही दूसरे देशों से लिए कर्ज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। हाल यह है कि पाकिस्तान दुनिया के सामने कटोरा लेकर भीख मांग रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान ने फैसला किया है कि, वो अब अमेरिका के खिलाफ जाकर रूस से हाथ मिलाएगा। पाकिस्तान जो करने जा रहा है इसी के चलते अमेरिका इमरान खान के खिलाफ हो गया था। अब शहबाज शरीफ भी वही करने जा रहे हैं जिसे अमेरिका ने साफ मना किया है। पाकिस्तान ने ये कदम भारत को देखते हुए उठाया है। दरअसल, पाकिस्तान अब रूस से तेल (Pakistan Russian Oil) खरीदेगा। ये वही पाकिस्तान है जो रूस के खिलाफ यूक्रेन को गोला-बारूद की सप्लाइ कर रहा था। रूस की पीठ में खंजर घोंपने वाला पाकिस्तान तब ये नहीं सोचा था कि, एक दिन उसे रूस के कदमों में गिरना होगा। आज जब उसे जरूरत पड़ी है तो वो रूस के सामने कटोरा लेकर खड़ा हो गया है। पाकिस्तानी सरकार ने ऐलान किया है कि, वह मार्च महीने से मास्को से सस्ता तेल आयात (Pakistan Russian Oil) करने जा रही है। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि, वह अपनी जरूरत का 35 फीसदी तेल रूस से आयात करेगी।
पाकिस्तान को अब रूस देगा सस्ता तेल
इसके साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक विशेष संदेश भी मिला है। द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के साथ-साथ दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने में अपने देश की गहरी दिलचस्पी को दोहराते हुए पुतिन इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया और इस्लामी दुनिया में अपने प्रमुख भागीदार के रूप में देखते हैं। एक रिपोर्ट की माने तो, ये संदेश रूस के ऊर्जा मंत्री निकोल शुल्गिनोवा ने दिया है। उन्होंने लाहौर में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। शुल्गिनोव शुक्रवार को इस्लामाबाद में होने वाली पाकिस्तान-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के 8वें दौर के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने रूस से रियायती दरों पर पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद पर चर्चा की। इसके अलावा रूस से पाकिस्तान को तेल और गैस की आपूर्ति के साथ-साथ गैस पाइपलाइन परियोजना की समीक्षा की।
यूक्रेन को मदद करने वाला पाकिस्तान रूस के आगे फैलाया हाथ
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि, “पाकिस्तान को दक्षिण एशिया और इस्लामी दुनिया में रूस के महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में संदर्भित किया (और) द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए रूस की मजबूत रुचि को दोहराया।” प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए शरीफ ने रूस के साथ अपने संबंधों से जुड़े पाकिस्तान के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में पुतिन के साथ समरकंद में हुई अपनी मुलाकात को याद किया और कहा कि इस बैठक में पाकिस्तान-रूस संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे। रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को गोला-बारूद की सप्लाइ कर रहा है। यूक्रेन की सेना पाकिस्तान में बने गोला बारूद की मदद से रूसी सैनिकों पर खूनी हमले कर रही है।
भारत को देख पाकिस्तान ने लिया फैसला
एक ओर तो यूक्रोन को गोला बारूद बेचकर पाकिस्तान डॉलर कमा रहा है तो वहीं, दूसरी ओर वो रूस से सस्ता तेल हासिल करने में लगा हुआ है। पाकिस्तान ने ये सब देखा-देखी किया है। दरअसल, भारत जो भी कदम बढ़ाता है पाकिस्तान उसी को फॉलो करता है। अमेरिका की धमकियों के बाद भी भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखा। इसके पीछे भारत ने अमेरिका को ठोस वजह बताया कि, वो अपनी जनता के हित में फैसला लिया है। यूरोप के तमाम कोशिशें जब भारत को नहीं रोक पाई तो पाकिस्तान भी रोना शुरू कर दिया कि, वो क्यों नहीं रूस से सस्ता तेल खरीद सकता है। अब जब आर्थिक भूचाल आई तो फिर पाकिस्तान से फायदा उठाते हुए रूस से हाथ मिला लिया।
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