इन दिनों पाकिस्तान (Pakistan) भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को डिकोड करने पर काम कर रहा है। वह मिसाइल की गाइडेंस सिस्टम और इंजन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहता है। इससे पाकिस्तान को ब्रह्मोस के खिलाफ एक रडार और एंटी मिसाइल सिस्टम को विकसित करने में काफी मदद मिल सकती है। दरअसल, पिछले साल 9 मार्च 2022 को पाकिस्तान के खानेवाल जिले के मियां चन्नू कस्बे में शाम के 7-8 बजे के बीच आसमान से आग का गोला गिरने की खबर आई। इस घटना की सूचना मिलते ही पाकिस्तानी रेंजर्स और दूसरी जांच एजेंसियों की टीम तुरंत पहुंच गई। मामला बॉर्डर से जुड़ा था, इसलिए घटना की जानकारी इस्लामाबाद में बैठे अधिकारियों को दी गई, लेकिन पाकिस्तान तीन दिनों तक यह कंफर्म नहीं कर पाया कि उसके इलाके में आवाज से तीन गुना ज्यादा रफ्तार और 40000 फीट की ऊंचाई से घुसी चीज आखिर है क्या। 11 मार्च को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तानी इलाके में गिरी चीज ब्रह्मोस मिसाइल है, जो गलती से फायर हो गई थी। इस घटना ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस की पोल खोलकर रख दी थी। ऐसे में पाकिस्तान अब भारत के ब्रह्मोस मिसाइल को डिकोड करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भविष्य में उसे शर्मिंदगी न उठानी पड़े।
पाकिस्तान को नहीं लगी ब्रह्मोस की भनक
9 मार्च 2022 की घटना ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान को भी हैरान कर दिया था। गनीमत रही है कि गलती से फायर हुई ब्रह्मोस मिसाइल में कोई एक्टिव वॉरहेड नहीं लगा हुआ था, जिससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। भारत ने तुरंत आगे बढ़कर पाकिस्तान से संपर्क साधा और पूरी घटना की जानकारी दी। इसका असर यह हुआ कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच किसी भी तरह की सैन्य झड़प की संभावना को टाल दिया गया। हालांकि, भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान इस बात से खुश भी थे कि पाकिस्तान ब्रह्मोस मिसाइल को डिटेक्ट नहीं कर पाया और यह मिसाइल पाकिस्तानी रडार की नजर में आए बिना उसके इलाके में घुसने में कामयाब रही।
पाकिस्तान कर रहा ब्रह्मोस के मलबे का अध्ययन
पाकिस्तान ने शुरुआत में यह दावा किया कि उसने सिरसा में मौजूद भारतीय वायु सेना के अड्डे से एक सुपरसोनिक प्रोजेक्टाइल के प्रक्षेपण को ट्रैक किया है। लेकिन, ट्रैकिंग के दावे के बावजूद पाकिस्तान इस मिसाइल को मार गिराने और पहचानने के लिए कुछ नहीं कर सका। भारत की ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में 124 किमी अंदर जाकर गिरी। हालांकि, मानवीय चूक से हुई इस घटना ने पाकिस्तान को एक बड़ मौका दे दिया कि वह भारत के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक के बारे में जानकारी ले सके।
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पाकिस्तान ब्रह्मोस के सामने बेबस?
ब्रह्मोस के मिसफायरिंग की घटना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस की पोल खोलकर रख दी। इससे पहले भी बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश के ठिकानों पर बमबारी की थी और सुरक्षित वापस आ गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान के पास क्या ऐसे रडार और दूसरे उपकरण नहीं हैं कि वह अपने ही वायु सीमा की रक्षा कर सके। पाकिस्तान ने हाल में ही चीन से एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है। इसे खास तौर पर भारत से लगी सीमा पर तैनात किया गया है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसके पास 100 किमी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइलों के खिलाफ मारक क्षमता है, हालांकि सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिर्फ लड़ाकू विमानों के खिलाफ कारगर है।
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