Russia on Pok: देश की जनता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चाहती है कि, जिस तरह कश्मीर के उत्थान में उन्होंने बड़े-बड़े कदम उठाये हैं उसी तरह पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) को भी वापस लाये। पाकिस्तान ने भारत के इस हिस्से पर जबरन कब्जा किया है। भारत के कश्मीरियों को गुमराह करने वाला ये पाकिस्तान पीओके के लोगों की जिंदगी को नर्क बना चुका है। इस pok को लेकर रूस ने एक बार फिर से अपनी दोस्ती भारत संग निभाई है। रूस का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं और हाल ही में पाकिस्तान में तैनात अमेरिकी राजदूत डेविड ब्लोम ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को आजाद कश्मीर करार दे दिया था। अमेरिका की तरफ से इस पर कुछ नहीं कहा गया और इस बयान को पाकिस्तान के लिए बढ़ते प्यार की एक और निशाना माना गया। लेकिन भारत के दोस्त रूस (Russia on Pok) ने अमेरिका को करार झटका दिया है। रूस के एक नक्शे में पूरे पीओके (Russia on Pok) को भारत का हिस्सा दिखाया गया है। रूस हमेशा से Pok पर बयान देने से बचता आया है और जम्मू कश्मीर को कई बार आंतरिक मसला करार दे चुका है। पीओके के साथ ही रूस ने ऑक्साई चीन को भी भारत का अंग बताया है।
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रूस ने कहा- सिर्फ पीओके नहीं अक्साई चीन भी भारत का है
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की तरफ से एक इंफ्राग्राफिक न्यूज एजेंसी स्पूतनिक ने पब्लिश किया है। इसके जरिए पिछले कुछ वर्षों में एससीओ की वृद्धि को दर्शाया गया है। इसी इंफोग्राफिक में पीओके को भारत का हिस्सा बताया गया है। साथ ही चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन को भी भारत का अंग दिखाया गया है। यह निश्चित तौर पर भारत के लिए एक असाधारण बात है। रूस हमेशा यह कहता आया है कि जम्मू कश्मीर, भारत और पाकिस्तान का आपसी मसला है जिसे द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाया जाना चाहिए। जबकि यूरोप और अमेरिका की तरफ से कई बार इस मसले पर कई मौकों पर बात हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर के नाम पर झूठ बोलता आया है पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान पूरी दुनिया में जमकर झूठ बोलता है। असल में हकिकत यह है कि, पीओके में आर्मी और आईएसआई जब जिसे चाहे उठा ले जाते हैं और फिर उसकी लाश तक नहीं मिलती है। कई रिपोर्टों में खुलसा हो चुका है कि, आर्मी यहां की औरतों और बच्चों के साथ रेप करती है। उनके बदन पर ड्रिल मशीन से छेदती है। इन लोगों की जिंदगी पाकिस्तान ने नर्क बना दिया है। ना अच्छा स्कूल है न ही इलाज के लिए अस्पताल, न ही नौकरी के लिए कोई साधन है तो सिर्फ आतंकवाद। ऐसे में दुनिया को पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए पीओके को वापस भारत को देने की बात कहनी चाहिए। पाकिस्तान कई बार प्रयास कर चुका है कि वह जम्मू कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करे। कई बार उसने इस पर कब्जे का प्रयास भी किया। हर बार वह मुंह की खाता है और विश्व समुदाय के सामने उसे शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम के चार अक्टूबर को हुए एक ट्वीट ने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
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अमेरिका की इन्हीं हरकतों के चलते भारत नहीं करता उसपर विश्वास
पीओके का दौरा करने के बाद ब्लोम ने पीओके को आजाद कश्मीर कहकर संबोधित कर दिया। जबकि वह भारत के हिस्से वाला कश्मीर है। उनकी इस ट्वीट से बवाल मचा गया था। अभी तक अमेरिका ने कश्मीर पर किसी का भी पक्ष नहीं लिया है। लेकिन अब इस मामले में अमेरिका के रवैये को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अमेरिका ने हमेशा से ही यह कहा कि कश्मीर का मसला द्विपक्षीय वार्ता से ही सुलझाया जा सकता है। लेकिन जब यह ट्वीट आया तो एक नई बहस शुरू हो गई। ब्लोम ने यह ट्वीट ऐसे समय पर किया जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका के दौरे पर थे। इससे पहले एफ-16 को अपग्रेड करने के लिए पाकिस्तान को दी गई अमेरिकी मदद से भारत पहले ही नाराज चल रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इन दिनों शाहबाज शरीफ सरकार के साथ सांठ-गांठ जोड़ने में लगे हुए हैं। अमेरिका की यही दोगली रणनीति के चलते आजतक भारत ने उसपर कभी विश्वास नहीं किया। अमेरिका सामने से कुछ और होता है और पीठ पीछे कुछ और होता है।