Modi-Putin Talk: इसी साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन (Russia attack on Ukraine) पर हमला बोल दिया था। ये जंग 2-4 दिनों तक चलने वाली थी लेकिन, पश्चिमी देशों के चक्कर में अब तक जारी है और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। पश्चिमी देश पर्दे के पीछे से इस जंग में कूद पड़े। रूस के खिलाफ प्रतिबंद और यूक्रेन को पूरी तरह से सैन्य और आर्थिक सहायता। रूस पर प्रतिबंधों का असर पश्चिमी देशों में ही ज्यादा देखने को मिला। हालांकि, रूस को भी इसका असर झेलना पड़ रहा है। ऐसे में रूस अपने पुराने और घनिष्ठ मित्र भारत के पास आया था। खैर, पीएम मोदी इस साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस नहीं जाएंगे। यह तय होने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी ने शुक्रवार को फोन पर बात की।रूस की ओर से पहल पर यह बातचीत हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रूस यूक्रेन युद्ध और भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। यूक्रेन हमले के बाद इस साल दोनों नेताओं की यह पांचवी बातचीत है। भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर युद्ध की जगह बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आह्वान किया है।
मोदी-पुतिन में हुई ये बात
पीएमओ (pmo) ने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला, उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की भारत की अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद की। वे एक-दूसरे के साथ नियमित संपर्क में रहने पर सहमत हुए। इस साल दोनों नेताओं के बीच कई बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है।
रूस-यूक्रेन में जारी है युद्ध
यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस ने कई बार परमाणु हमले की धमकी दी है। हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हमले को लेकर एक बार फिर धमकी दी थी। इसी बीच कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की पुतिन की परोक्ष धमकी के बाद मोदी-पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन रद्द करने का फैसला लिया गया। हालांकि रूस ने इन खबरों का खंडन किया था। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक से इनकार करने के बारे में रिपोर्ट एक गलतफहमी है।
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समरकंद में हुई दोनों नेताओं की मुलाकात
इससे पहले समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) से इतर पीएम मोदी (PM Modi) ने व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। इस बारे में आपसे फोन पर बात करता रहा हूं। पीएम नरेंद्र मोदी को जवाब देते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपकी स्थिति जानता हूं, आपकी चिंताओं के बारे में जो आप लगातार व्यक्त करते हैं। हम इसे जल्द से जल्द रोकने की पूरी कोशिश करेंगे।
इसलिए खास है बातचीत
याद दिला दें, यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस पर दुनिया भर के प्रतिबंध लगा दिए गए। कई देशों ने उससे कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया। लेकिन भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीदता रहा। रूस भी भारत को सस्ते दाम पर तेल उपलब्ध कराता रहा है। G7 देश इसे युद्ध की फंडिंग के तौर पर देखते हैं, इसलिए हाल ही में उन्होंने रूसी तेल पर 60 डॉलर के दाम का एक कैप लगा दिया। वहीं पुतिन कह चुके हैं कि कोई भी देश जो इस कैप को मानेगा उसे तेल नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं दुनिया भर के जहाजों का इंश्योरेंस करने वाली पश्चिमी कंपनियां अब रूसी तेल टैंकरों का इंश्योरेंस नहीं कर रही हैं, जिससे जहाजों से तेल भेजना मुश्किल हो रहा है। ऐसे समय में दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत खास है। युद्ध शुरू होने के बाद रूस से भारत को तेल के निर्यात में 14 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
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