Russia on EU Gas Supply: जब रूस ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरू किया तो अमेरिका, नाटो संग पूरे पश्चिमी देश इसके खिलाफ हो गए। रूस के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाना शुरू किए ताकि पुतिन झुक जाए। लेकिन, हुआ सबकुछ उलटा। आलम यह है कि, पश्चिमी देशों द्वारा लागाए गए प्रतिबंध का असर खुद उनपर ही हो रहा है। महंगाई आसमान छू रही है, कई उद्योग बंद हो गए हैं, कई चीजों की भारी कमी है। पश्चिमी देशों की 100 मार पर पुतिन ने सिर्फ एक वार किया है और ये उनके लिए भारी पड़ गया। पुतिन ने गैस आपूर्ति (Russia on EU Gas Supply) रोकने की धमकी दी है, जिसके बाद अमेरिका बौखला उठा है। पुतिन का कहना है कि, अगर अमेरिका ने इसकी कीमतों पर मनमानी की तो वो गैस की स्पलाई (Russia on EU Gas Supply) को पूरी तरह से रोक देंगे।
यह भी पढ़ें- Putin बोले- रूस को तोड़ने की कोशिश पश्चिम की भूल, कीव में ऑप्रेशन जारी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने धमकी दी है कि, यदि अमेरिका ने उसकी गैस की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश की तो वह पश्चिमी देशों को ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह रोक देगा। इस पर अमेरिका बौखला उठा है और आरोप लगाया है कि, रूस ऊर्जा को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिका को यहां दर्द होने लगा लेकिन, जब यूक्रेन को वो हथियार, टैंक, जेट्स, बंदूक और आर्थिक सहायाता कर रहा है तो उसे ये इंसाफ दिख रहा है। व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं। उधर, पुतिन ने बुधवार को कहा कि वे यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई तब तक जारी रखेंगे तब तक कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेंगे। व्हाइट हाउस ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि पुतिन फिर ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं।
यह भी पढ़ें- अरुणाचल में LAC पर भारत की तैयारी देख खौफ में चीन, छोटी गलती भी पड़ेगी भारी
पुतिन ने रूसी गैस कीमतें नियंत्रित करने की कोशिश पर चेताया था कि यदि अमेरिका इस दिशा में आगे बढ़ा तो वह पश्चिमी देशों को एनर्जी की आपूर्ति पूरी तरह रोक देगा। इसके जवाब में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव के. जीन पियरे ने कहा कि ऊर्जा संकट से निपटने के लिए अमेरिका व यूरोपीय संघ ने एक टास्कफोर्स का गठन किया है। इसके तहत यूरोप के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के वैकल्पिक तरीके खोजे जा रहे हैं। इसके साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के विकास की क्षमता बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूरोप में सर्दी का सीजन आने वाला है, लेकिन टास्क फोर्स का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यूरोप की गैस की कमी पूरी हो जाएगी। रूसी कटौती के बावजूद जर्मनी गैस भंडारण के लक्ष्य को समय से पहले पा लेगा। हमने यूरोप के गैस संकट से निपटने की तैयारी की है। हम जानते थे कि यह पुतिन के प्लेबुक का हिस्सा बनेगा। रूस पिछले कई महीनों से ऊर्जा को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, इसलिए हम इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहेंगे।