पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) भारत दौरे पर हैं। बिलावल भुट्टो आज (5 मई) गोवा में चीन की अगुवाई वाले शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक पर सभी की नजरें इसलिए भी टिकी हैं क्योंकि इसमें पाक के विदेश मंत्री भुट्टो भी होंगे। यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब पाक और भारत के रिश्ते खराब दौर से गुजर रहे हैं। 12 साल बाद पाकिस्तान से कोई विदेश मंत्री भारत पहुंचा है।इससे पहले साल 2011 में हिना रब्बानी खार भारत दौरे पर आईं थीं।बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के विदेश मंत्री और भुट्टो परिवार के वारिस हैं। खास बात यह है कि भुट्टो परिवार वही है जिसने एक समय में भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम किया है।
ऐसे में बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto) की पहली भारत यात्रा पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं। ये पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। यह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। बिलावल शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के गोवा पहुंचे हैं। पाकिस्तान इस यात्रा को लेकर दुनियाभर में अपनी उदार छवि को पेश करने में जुटा हुआ है। खुद बिलावल ने वीडियो जारी कर कहा कि उनकी भारत यात्रा का मकसद यह दिखाना है कि पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को कितनी गंभीरता से ले रहा है। हालांकि, अब बिलावल की भारत यात्रा के असली मकसद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
बिलावल भुट्टो चीन के आदेश पर भारत आए
चीन और पाकिस्तान के बीच सीपीईसी (CPIC) में भ्रष्टाचार, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले और स्थानीय कानून में फंसाने को लेकर विवाद चल रहा है। पाकिस्तान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, जिसमें उससे सबसे ज्यादा मदद चीन से ही मिलने की उम्मीद है। कुगेलमैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थता को प्रदर्शित करने का इच्छुक है। विशेष रूप से यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों के बाद पाकिस्तान के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इसको बैलेंस करने के लिए पाकिस्तान रूस से तेल को खरीद रहा है।
पाकिस्तान में क्यों हुआ बवाल?
बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत यात्रा को लेकर पाकिस्तान में राजनीति बुरी तरह गरमा गई है। पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने बिलावल पर भारत के साथ दोस्ती करने का आरोप लगाया है। इमरान खान के करीबी समझे जाने वाले पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला है। वहीं, पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उम्मीद है कि बिलावल भुट्टो मौका नहीं चूकेंगे और भारत के सामने सभी मुद्दे उठाएंगे।
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