यूक्रेन को लगा कि पश्चिमी देशों, नाटो और अमेरिका का जब उसके ऊपर हाथ है तो फिर रूस उनका क्या कर लेगा। उधर अमेरिका और नाटो भी लगातार रूस को धमकी दे रहे थे कि अगर यूक्रेन में हमला किया तो उनके आगे नाटो की सेना होगा। लेकिन, जंग होते ही सारी हकिकत सामने आ गई और यूक्रेन को अमेरिका और नाटो ने अकेला छोड़ दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की को अब भी पश्चिमी देशों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। यूक्रेन की इस वक्त नाटो देश भारी मात्रा में मदद कर रहे हैं और रूस के खिलाफ लगातार कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। लेकिन, इस बार रूस के एक्शन से ब्रिटेन बौखला उठा है।
रूस ने ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की देश में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूसी सरकार ने यूके के प्रतिबंधों के जवाब में यह कार्रवाई की है। समाचार एजेंसी एएफपी ने रूस के विदेश मंत्री के हवाले से बताया कि पश्चिमी देशों समेत ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले रूस अमेरिका के शीर्ष नेताओं की एंट्री पर भी प्रतिबंध लगा चुका है।
बता दें कि, ब्रिटेन के राष्ट्रपति बोरिस जॉनसन शनिवार 10 अप्रैल को राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलने यूक्रेन पहुंचे थे। जॉनसन ने जेलेंस्की से मिलकर एकजुटता का प्रदर्शन किया था। उनकी यात्रा कर मकसद रूस को यह संदेश देना था कि वह यूक्रेन के साथ हैं। जॉनसन की यात्रा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दोनों नेता कीव की सड़कों पर घूमते नजर आ रहे थे। लेकिन, उनका यह चाल उलटा पड़ गया और रूस ने ही उन्हें अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया है। यह यात्रा जॉनसन की ओर से यूक्रेन को उच्च क्षमता वाले सैन्य उपकरण खरीदने के लिए और 10 करोड़ पाउंड देने के एलान के एक दिन बाद हुई। इधर पुतिन ने भी नाटो और अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि, अगर नाटो ने यूक्रेन को हथियार देना बंद नहीं किया तो इसका अंजाम बुरा होगा और उन्हें भुगतना होगा।