Russia Slams NATO On India-China Tension: रूस इस वक्त यूक्रेन में ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। हाल यह है कि, जेलेंस्की की कमर टूट गई है लेकिन, पश्चिमी देशों के चक्कर में आकर वो बुरे फंस चुके हैं। पश्चिमी देशों के हथियार के दम पर लड़ रहे जेलेंस्की के पास अब कोई ऑप्शन नहीं बचा है। हाल यह है कि, रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों से खुद पश्चिमी देश भी बेहाल हैं। लेकिन, इस बात को वो बाहर नहीं आने दे रहे हैं। इस बीच रूस ने पश्चिमी देशों पर कड़ा प्रहार किया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि, भारत और चीन (Russia Slams NATO On India-China Tension) के बीच खराब रिश्तों के लिए दोनों देशों के बीच मौजूद बॉर्डर नहीं बल्कि, कोई और जिम्मेदार है। उन्होंने दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों के लिए नाटो (Russia Slams NATO On India-China Tension) को जिम्मेदार ठहराया है।
नाटो पर जमकर बरसा रूस
लावरोव ने नाटो को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी फटकार लगाई है। उननी मानें तो यह एकदम साफ है कि नाटो इस वक्त चीन और भारत के बीच अतिरिक्त परेशानी पैदा करने की कोशिश में लगा हुआ है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि, नाटो सिर्फ यूरोपियन देशों तक ही सीमित नहीं है। जून 2022 में नाटो के मैड्रिड सम्मेलन में यह घोषणा की गई थी कि मिलिट्री ब्लॉक वह वादा है जो पूरे विश्व से किया गया है खासतौर पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में। इससे यह साफ है कि नाटो भारत और चीन के बीच रिश्ते तनावपूर्ण करने की कोशिशें कर रहा है। उनका युद्धघोष यूरो-अटलांटिक और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ा है। उनकी मानें तो इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल , साल 1990 से ही रूस-नाटो परिषद और ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड को-ऑपरेशन (OSCE) की अविभाजित सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मतलब ही यही है कि, हर देश के लिए समान सुरक्षा है न कि किसी दूसरे देश की कीमत पर खुद की सुरक्षा तय करना है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के मुताबिक, अब इस पूरे सिद्धांत का ही अलग मतलब निकाल लिया गया है और इसका सीधा मतलब नाटो के हितों सेस जुड़ गया है। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल है।
जापान का भी सैन्यीकरण किया जा रहा है
लावरोव की मानें तो हिंद-प्रशांत क्षेत्र वह ब्लॉक है जिसे रूस और चीन के खिलाफ बनाया गया है। इसका मकसद दशकों पुराने तंत्र को बर्बाद करना और देशों के बीच जारी आपसी सहयोग को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि, नाटो देशअब अपना मिलिट्री ब्लॉक तैयार करने में लगे हुए हैं। इसके सबसे बड़ा उन्होंने उदाहरण है AUKUS जो एशिया में एक अलग ही ब्लॉक है जिसमें अमेरिका और यूके के साथ ही ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है। लावरोव ने नाटो के साथ ही जापान को भी फटकार लगाई है। उनकी मानें तो जापान पर भी AUKUS में शामिल होने का दबाव है। लावरोव ने कहा कि, तय है कि जापान का भी सैन्यीकरण किया जा रहा है। जापान इसी वजह से अब अपने संविधान में बदलाव कर रहा है। ये बात उन्होंने प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की अमेरिका यात्रा पर तंज कसा।
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