अंतर्राष्ट्रीय

Russia-Iran ने भारत के लिए खोल दिया खजाना! चीन में हड़कंप

रूस (Russia) से सामान लेकर चली ट्रेन ईरान पहुंच गई है। यह ट्रेन सऊदी अरब का सामान लेकर रूस से आई थी। जी हां, खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब रूस से सीधे ट्रेन चलकर ईरान पहुंची है। इस ट्रेन ने उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का इस्‍तेमाल किया है। इस रेलमार्ग का अंतिम लक्ष्य इस कॉरिडोर के जरिए भारत को माल की ढुलाई बढ़ाना है। रूसी ट्रेन के अब ईरान तक पहुंचने से भारत के लिए संभावनाओं का द्वार खुल गया है। यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के बीच अरबों डॉलर के व्‍यापार में बहुत ज्‍यादा तेजी आई है। इस रास्‍ते से रूस और भारत अब अमेरिका की नजर में आए बिना आपसी व्‍यापार को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

सीमा शुल्क की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, यह ट्रेन बंदर अब्बास बंदरगाह के लिए रवाना हुई। यह बंदरगाह ईरान के मुख्य समुद्री गेटवे में से एक है जो होर्मूज जलडमरूमध्य पर स्थित है। यहां से कंटेनरों को लाल सागर में स्थित सऊदी अरब के जेद्दा बंदरगाह जहाज से भेजा जाएगा। कंटेनर ट्रेन में पहला निर्यात शिपमेंट मई में रूस के चेल्याबिंस्क में दक्षिणी यूराल रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ और कजाकिस्तान के रास्‍ते तुर्कमेनिस्तान होते हुए ईरान पहुंचा। यहां से इस माल को सऊदी अरब भेजा गया।

वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पिछले दिनों कहा था, ‘कैस्पियन सागर के तट के साथ लगी 162 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन रूस के बाल्टिक सागर के बंदरगाहों को हिंद महासागर और फारस की खाड़ी में ईरानी बंदरगाहों से जोड़ने में मदद करेगी।’ पुतिन ने उम्‍मीद ज‍ताई कि यह मार्ग स्‍वेज नहर मार्ग का विकल्‍प साबित होगा और कई देशों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। पिछले हफ्ते, ब्रिक्‍स शिखर सम्मेलन के इतर एक बैठक के दौरान पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति रईसी ने बुनियादी ढांचा सहयोग को तेज करने पर भी सहमति व्यक्त किया था।

ये भी पढ़े: भारत के खिलाफ China की नई चाल! G20 बैठक से पहले जारी किया नया MAP, हिंदुस्तान के इन 2 प्रदेशों को बताया अपना

भारत को क्‍या होने जा रहा है फायदा?

इसमें विशेष रूप से चाहबहार परियोजना और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का मानना है कि यदि ईरान में भारत की मदद से बनाई जा रहे रणनीतिक चाबहार बंदरगाह का पूरी क्षमता से इस्‍तेमाल किया जाता है तो यह न केवल भारतीय व्यापार के लिए यूरोप, रूस और सीआईएस देशों का प्रवेश द्वार बन सकता है बल्कि निकट भविष्य में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक के रूप में बदल सकता है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago