जिस यूक्रेन को पश्चिमी देश दुनिया के सामने इतना भोला पेश कर रहे हैं वो इतना भी बेचारा नहीं है। दुनिया ये नहीं दिखा रही है कि जब 2015 में मिंस्क समजौता हुआ था कि यूक्रेन कभी नाटो देश में शामिल नहीं होगा। लेकिन, 2017 से अचानक से यूक्रेन नाटो में शामिल होने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दिया जिसके बाद रूस ने कहा था कि इसका उल्लंघन करना भारी पड़ेगी। असल में अमेरिका और नाटो यूक्रेन को नाटो में शामिल बड़ा खेल करने वाले थे। वो यह कि वो इसके जरिए आसानी से रूस को काबू में कर लेते और पुतिन ऐसा बिल्कुल नहीं होने देते। इसके साथ ही नाटो में शामिल होने पर अमेरिका की चाल थी कि यूक्रेन के जरिए रूस में सीजफायर का उल्लंघन करता जिससे रूस हमला करता और ये नाटो देश मिलकर रूस पर हमला कर देते। ऐसे में रूस अगर आज यूक्रेन पर हमला नहीं करता तो एक दून उसे यही यूक्रेन खून के आंसू रूलाता। अब एक नया खुलासा हुआ है वो यह कि यूक्रेन अंदर ही अंदर परमाणु बम बना रहा था।
रूस की मीडिया ने रविवार को दावा किया यूक्रेन प्लूटोनियम आधारित 'डर्टी बम' (Dirty Bomb) परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) बनाने के करीब था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने का आदेश दिया, जिसका उद्देश्य अपने पश्चिमी समर्थक पड़ोसी कीव को नाटो में शामिल होने से रोकना था।
TASS, RIA और इंटरफैक्स समाचार एजेंसियों ने रविवार को रूस में 'एक सक्षम इकाई के प्रतिनिधि' के हवाले से कहा कि यूक्रेन नष्ट हो चुके चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में परमाणु हथियार विकसित कर रहा था जिसे साल 2000 में बंद कर दिया गया था। यूक्रेन की सरकार ने कहा है कि सोवियत संघ के टूटने के बाद 1994 में अपने परमाणु हथियार छोड़ने के बाद परमाणु क्लब में फिर से शामिल होने की उसकी कोई योजना नहीं थी। लेकिन ये अंदर ही अदंर कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे तभी तो यहां पर सारे दस्तावेज जला दिए गए।
आक्रमण से कुछ समय पहले पुतिन ने एक शिकायत भरे भाषण में कहा कि यूक्रेन अपने परमाणु हथियार बनाने के लिए सोवियत तकनीक का उपयोग कर रहा था और यह रूस पर हमले की तैयारी के समान था।