Ukraine-Russia War: रूसी विदेश मंत्री ने भारत के बारे में दिया ऐसा बड़ा बयान कि चीन-पाकिस्तान की हवा हुई खराब

<div id="cke_pastebin">
<p>
यूक्रेन जंग के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस वक्त अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। यहां उन्होंने कई सारे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने यूक्रेन मसले को लेकर भारत के रूख की तारीफ करते हुए कहा है कि, रूस इश बात की सराहना करता है कि भारत एकतरफा न होकर स्थिति को पूरी तरह से समझ रहा है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि, भारत और रूस सामरिक भागीदारी को विकसित करते रहे हैं और यह हमारी प्राथमिकता रही है। हम निश्‍चित तौर पर विश्‍व व्‍यवस्‍था में संतुलन बनाने में रुचि रखते हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संदर्भ को और मजबूत किया है। हमारे राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं भेजी हैं। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, रूस-यूक्रेन वार्ता के लिए भारत मध्यस्थ बन सकता है। जिसके बाद दुनिया सकते में आ गई है कि जो अमेरिका और नाटो नहीं कर सके वो भारत कर सकता है।</p>
<p>
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को खत्म करने के लिए भारत मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के दौरान फिलहाल अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। भारत के रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ बनने की संभावना के न्यूज एजेंसी के सवाल पर जवाब देते हुए लावरोव ने ये बातें कही।</p>
<p>
वहीं, भारत पर अमेरिकी दबाव के बारे में पूछे जाने पर कि क्या इससे भारत-रूस संबंधों पर असर पड़ेगा? रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दबाव साझेदारी को प्रभावित नहीं करता है, मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। वे (अमेरिका) दूसरों को मजबूर कर रहे हैंष</p>
<p>
वहीं, यूक्रेन युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि, आपने इसे युद्ध कहा जो सच नहीं है। यह एक विशेष ऑपरेशन है, सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य कीव शासन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पेश करने की क्षमता के निर्माण से वंचित करना है। इसके साथ ही सुरक्षा सुनौतियों के मामले में भारत का समर्थर कैसे करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं। यह वह आधार था जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।</p>
<p>
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में आधारित समान नीति और यह महें बड़े देशों, अच्छे दोस्त और वफादार भागीदार बनाती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं, जो वह हमसे खरीदना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लावरोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।</p>
</div>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago