अंतर्राष्ट्रीय

रूस रच रहा खतरनाक साज़िश! Ukraine पर S-400 डिफेंस सिस्टम से कर रहा है अटैक

रूस अपने S-400 मिसाइल सिस्टम को अप्रत्याशित मिशन में इस्तेमाल कर रहा है। एस-400 को लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को लंबी दूरी और अत्याधिक ऊंचाई पर मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन, रूसी सेना अब यूक्रेन में एस-400 को अमेरिका के हिमार्स रॉकेटों ( HIMARS) को रोकने के लिए या यूक्रेनी शहरों पर बमबारी करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें काफी महंगी होती हैं। ऐसे में युद्ध के दौरान हमले के लिए उनके इस्तेमाल ने रूसी सेना की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़ा कर रही है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि रूसी सेना इतनी हताश हो चुकी है कि वो यूक्रेन में अपने हर हथियार का इस्तेमाल कर रही है, चाहें वो उस काम को करने के लिए कितनी भी अनुपयुक्त क्यों न हो।

क्या है S-400 मिसाइल सिस्टम ?

एस-400 ट्र्रॉयम्फ एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। एस-400 का नाटो रिपोर्टिंग नाम SA-21 Growler है। इसे एस-300 पीएमयू-3 के नाम से भी जाना जाता है। इसे अमेरिका के पैट्रियट मिसाइल सिस्टम से भी ताकतवर माना जाता है। S-400 सिस्टम का विकास 1980 के दशक के अंत में शुरू हुआ और जनवरी 1993 में रूसी वायु सेना ने इसकी घोषणा की थी। एस-400 इंटरसेप्टर की अनुमानित सीमा लगभग 250 मील और गति 15 मैक की है। रूस का दावा है कि यह मिसाइल सिस्टम विमान, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन के खिलाफ प्रभावी है। इसी मिसाइल सिस्टम को भारत और चीन ने भी रूस से खरीदा है।

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दरअसल, रिपोर्ट है कि रूस ने डोनबास में अमेरिकी हिमार्स रॉकेटों (HIMARS) को रोकने के लिए एस-400 मिसाइल सिस्टम को तैनात किया है। अमेरिका में बने हिमार्स रॉकेट ने यूक्रेनी सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। कुछ हद तक रूस की यह तैनाती असमान्य नहीं है। आधुनिक सैम (SAM) या जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को विभिन्न प्रकार के मिसाइलों और विमानों को रोकने के लिए डिजाइन किया जाता है। यूक्रेन ने एस-300 और अमेरिकी निर्मित पैट्रियट का उपयोग कर कैलिबर क्रूज मिसाइलों और यहां तक कि किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है।

आईएन ब्यूरो

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