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SAARC देशों ने Taliban पर पाकिस्तान को दिखाई औकात, सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक रद्द

पाकिस्तान के तालिबान प्रेम की भेंट चढ़ी सार्क बैठक

ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान तालिबान को अपनी एनेक्सी मान चुका है। इसीलिए अफगानिस्तान के अपने हितों के साथ ही क्षेत्रीय शांति के साथ-साथ विकास और सहयोग के मुद्दों का कत्ल करने में पाकिस्तान को जरा भी शर्म नहीं आती है। जी हां, आप सही सुन रहे हैं, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान तालिबान प्रेम की खातिर सार्क के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक रद्द हो गई। इस बैठक की तैयारियां साल भर पहले से चल रही थीं। यह बैठक यूएनजीए के पैरेलल अनौपचारिक तौर पर होनी थी। इस बैठक में सार्क देशों की विकास परियोजनाओं, आतंकवाद और क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होनी थी।

सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल की ओर से अवगत कराया गया है कि पाकिस्तान बंदूक की जोर पर अफगानिस्तान में काबिज हुए तालिबान के प्रतिनिधि को सार्क की बैठक में बुलाने पर अड़ा रहा। सार्क के बाकी देशों ने पाकिस्तान के इस अनुरोध पर विचार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से मांग आई की पूर्व अशरफगनी सरकार का कोई प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल नहीं होगा। सार्क के बाकी देशों ने पाकिस्तान के इस आग्रह को भी ठुकरा दिया। चूंकि बैठक के आयोजन पर सर्वसहमति नहीं बन पाई इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई। कोरोना के कारण दो साल पहले यह बैठक 2020में वर्चुअली आयोजित की गई थी।

इस बार  सार्क (साउथ एशिय़न एसोसिएशन ऑफ रिजनल कॉरपोरेशन काउंसिल) के विदेश मंत्रियों की बैठक 25सितंबर को होनी थी। इस बैठक के कैंसिल होने के बाद नेपाल के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी सदस्यों के बीच सहमति न बन पाने की वजह से बैठक कैंसिल हो गई है।साउथ एशिय़न एसोसिएशन ऑफ रिजनल कॉरपोरेशन काउंसिल के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सेशन के साइड लाइन होनी थी।