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पश्चिम एशिया में महिला राजनयिकों को आगे लाने के लिए तैयार सारा और हजर समझौता

यूनेस्को कलाकार डॉ गुइला क्लारा केसौस (दायें), सारा और हजर समझौते के वास्तुकार परम पावन दलाई लामा के साथ सहमत

मोहम्मद अनस

अरब देशों और इज़राइल के बीच संचार और व्यापार के नये मार्ग खोलने वाले अब्राहम समझौते के बाद अब सारा और हजर समझौते नामक एक नये समझौते से महिलाओं के इज़राइल, यूएई, बहरीन और मोरक्को के बीच कूटनीति में सबसे आगे आने की उम्मीद है। पिछले महीने हस्ताक्षरित यह समझौता पैग़म्बर इब्राहिम की पत्नियों और पैग़म्बर इशाक़ और पैग़म्बर इस्माइल की माताओं सारा और हजर को श्रद्धांजलि है।

बाइबिल में उल्लेखित पैग़म्बर, पैग़म्बर इशाक़ के वंश में पैदा हुए थे और आख़िरी पैग़म्बर मुहम्मद पैग़म्बर इस्माइल की संतानों के बीच पैदा हुए थे। दो ममतामयी शख़्सियतों के नाम पर रखा गया यह समझौता उस ताक़त और साहस को पुनर्जीवित करने का प्रयास है, जिसने मध्य पूर्व में पूरी सभ्यताओं को जन्म दिया है।

यूनेस्को आर्टिस्ट फ़ॉर पीस डॉ गुइला क्लारा केसौस द्वारा तैयार इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य कूटनीति में महिलाओं को सशक्त बनाना और क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों के मुद्दों को हल करना है।

मानवाधिकारों के लिए एक लंबे समय से वकालत करतीं महिलाओं के अधिकारों पर ज़ोर देने वाली केसौस  ने एक साक्षात्कार में यहूदी अंदरूनी सूत्र को बताया था कि वह चार देशों की सरकारों को इब्राहीम समझौते के बाद के इस समझौते को अपनाने के लिए राज़ी करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं और रॉयल्टी सहित इस क्षेत्र और यूरोप में उन 30 से अधिक प्रमुख महिलाओं तक पहुंच बना पायीं।यह समझौता महिलाओं के अधिकारों को उजागर करेगा और महिलाओं को राजनयिक प्रक्रिया में ऊपर उठायेगा।

जहां यह नया समझौता काफ़ी हद तक इस स्तर पर एक ढांचा है,वहीं केसौस ने प्रत्येक अब्राहम समझौते वाले देशों के प्रमुख अधिकारियों और नेताओं को इसका हिस्सा बनाया है। बहरीन में देश की शूरा काउंसिल की पहली महिला सदस्य और विदेश मामलों, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की डिप्टी चेयरपर्सन नैन्सी खेदौरी इस पहल में शामिल हुई हैं।

रबात क्षेत्र में एक निर्वाचित अधिकारी और उस क्षेत्र में आर्थिक आयोग की अध्यक्ष मारिया बेलाफ़िया मोरक्को का प्रतिनिधित्व करेंगी। यूएई से विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय में रणनीतिक संचार विभाग के निदेशक अफ़रा महेश अल हमेंली हैं।

इज़राइल में केसेट के पूर्व सदस्य रूथ वासरमैन लांडे, जिन्होंने अब्राहम समझौते के प्रचार के लिए पहले केसेट कॉकस की सह-स्थापना की, केसौस के साथ काम करेंगी।

 

महिलाएं, कूटनीति की मोहरा

इस समझौते के समर्थकों का मानना है कि गंभीर मुद्दों को हल करने के लिए महिलाओं के पास एक बहुत ही दिलचस्प एंगल होते है, उनके पास अलग-अलग विचार और अनुभव होते हैं, लेकिन वे अक्सर शांति लाने की योजनाओं में कम ही शामिल होती हैं।

चाहे परामर्श के संदर्भ में या अधिक व्यावहारिक, या व्यवसाय से संबंधित पक्ष के मामले में हो, यह समझौता मज़बूत, अच्छी तरह से जुड़ी और अनुभवी महिलाओं को संबंधित चार देशों के बीच के संबंधों को मज़बूत करने के लिए विचार-मंथन और पहल के बारे में सोचने के लिए सामने लायेगा।

इसके अलावा, सारा और हजर समझौते कूटनीति में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। यह विशेष रूप से ऐतिहासिक रूप से पुरुष नेतृत्व के वर्चस्व वाले क्षेत्र में शांति-निर्माण और सामाजिक विकास में महिलाओं की अपरिहार्य भूमिका को रेखांकित करता है।

इस समझौते के प्रारूपकों का मानना है कि महिलायें शांति और सहकारी अस्तित्व के मार्ग को अधिक प्रभावी ढंग से अपनाती हैं, क्योंकि वे एक ऐसे परिवार का पालन-पोषण करती हैं, जो किसी समाज या देश का नेतृत्व करने से अलग नहीं होता और इस प्रकार, वे आम सहमति और सद्भाव प्राप्त करने के लिए जटिल सड़कों पर भी रास्ते खोज लेंगी।

ऐसा माना जाता है कि यदि समझौता लागू कर दिया जाता है और इस क्षेत्र की महिलाओं के बीच इसका आकर्षण रह पाता है, तो यह संघर्षों को समाप्त करने और व्यापार और समृद्धि को बढ़ावा देने वाले एक आंदोलन में बदल सकता है।