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Saudi Arab का मेगास्क्रेपर देख भूल जायेंगे बुर्ज खलीफा,अमेरिका-ब्रिटेन के भी छूटे पसीने

बुर्ज खलीफा से ऊंचा होगा सऊदी अरब का मेगास्क्रेपर

अब तक की दुनिया की सबसे ऊंची ईमारत बुर्ज खलीफा है जो 828 मीटर ऊंची है। इसकी लंबाई एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से दोगुना और पेरिस के आइफिल टावर से तीन गुना ज्यादा है। इस बीच अब सऊदी अरब (Saudi Arab) एक ‘मेगास्क्रेपर’ के निर्माण की योजना बना रहा है जिसके सामने बुर्ज खलीफा (Burj khalifa) भी ‘बौनी’ लगेगी। खास बात यह इमारत अब तक की सबसे बड़ी ‘मानव निर्मित संरचना’ होगी। इसकी ऊंचाई 2000 मीटर या 2 किमी होगी जिसके लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। यह सऊदी राजधानी रियाद में बड़े पैमाने पर रीडेवलपमेंट का केंद्र बिंदु होगा।

दुनिया में 4 मेगाटॉल इमारतें

बता दें, इस दुनिया की बड़ी इमारत के निर्माण में कुल 5 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है। MEED की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी ऊंचाई दुबई स्थित दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से दोगुनी से भी अधिक होगी। मेगास्क्रेपर के बनने के बाद अमेरिका और ब्रिटेन की कुछ सबसे ऊंची इमारतें ‘छोटी नजर आने लगेंगी।’ यह वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की लंबाई से लगभग चार गुना और बिग बेन से 20 गुना से ज्यादा ऊंची होगी। टॉल बिल्डिंग्स एंड अर्बन हैबिटेट की काउंसिल 300 मीटर से अधिक ऊंची इमारत को ‘सुपरटॉल’ और 600 मीटर से ज्यादा ऊंची बिल्डिंग को ‘मेगाटॉल’ मानती है।

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दुनिया में फिलहाल 173 सुपरटॉल और सिर्फ 4 मेगाटॉल बिल्डिंग मौजूद हैं। मेगाटॉल में दुबई की बुर्ज खलीफा, कुआलालंपुर की मर्डेका 118, शंघाई का शंघाई टॉवर और मक्का का मक्का रॉयल क्लॉक टॉवर शामिल हैं। सऊदी अरब में ही एक मेगासिटी का निर्माण किया जा रहा है जिसे ‘फ्यूचरिस्टिक सिटी’ कहा जा रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को कुछ लोग एक आधुनिक व्यक्ति के रूप में भी देखते हैं, जो ऊंची और अत्याधुनिक इमारतें बनवाते हैं। बिन सलमान महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर चुके हैं और धार्मिक पुलिस की शक्तियों पर अंकुश लगाने जैसे उपाय कर चुके हैं।