Saudi Arabia Pakistan Crisis: पाकिस्तान की स्थिति इस वक्त काफी ज्यादा बिगड़ी हुई नजर आ रही है। देश के अंदर कई तरह का भूचाल आया हुआ है जिसमें से सबसे बड़ा भूचाल महंगाई है जो इस वक्त चरम पर है, जिसके लिए अब पाकिस्तान सरकार दर-दर की ठोकरें कहा रही है। आलम यह है कि लोग वहां रोटी के लिए तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। ऐसे में पाकिस्तान आर्थिक मदद के लिए कभी पूरब की ओर देखता तो कभी पश्चिम। कभी चीन से कर्ज लेता है तो कभी सऊदी अरब के आगे हाथ फैलाता है। जहां पहले ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सऊदी सरकार पाकिस्तान को आर्थिक मदद दे सकती है। तो वहीं अब हाल ही में पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए सऊदी अरब ने उसकी उम्मीदों पर पानी पेर दिया था। जी हां, अब एक बार फिर से सऊदी ने पाकिस्तान के सामने ऐसी शर्त रखी है जिसे सुनकर शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) सरकार के होश उड़ गए हैं।
दरअसल, कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस उम्मीद के साथ सऊदी अरब गए थे कि उन्हें 5 अरब डॉलर की रकम मिल जाएगी। लेकिन इस बीच अब उन्हें तगड़ा झटका लगा है। सऊदी अरब ने संकेत दिया है कि वह अपने सहयोगी देशों को अब भविष्य में बिना शर्त आर्थिक सहायता नहीं देगा। सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने कहा कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़ी योजना पर काम कर रहा है। सऊदी अरब के वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि उनका देश अब पहले की सीधे आर्थिक सहायता देने की नीति को बदल रहा है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिना शर्त पैसा भी नहीं जमा करेंगे।
क्या बोले सऊदी अरब के वित्त मंत्री ?
सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल जदान ने दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कहा कि सऊदी अरब क्षेत्र के देशों को प्रोत्साहित कर रहा है कि वो आर्थिक सुधार को लागू करें। उनका कहना है हम अब तक बिना किसी शर्त को लगाए अपने सहयोगियों को सीधी आर्थिक सहायता देते थे और उनके यहां पैसा भी जमा करते थे। हम इसे बदल रहे हैं। हम बहुपक्षीय संस्थानों के साथ काम कर रहे हैं ताकि सुधार किया जा सके उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों पर अब टैक्स लगा रहे हैं।
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IMF के प्रोग्राम में शामिल हो पाकिस्तान
उन्होंने कहा हम मदद करना चाहते हैं लेकिन यह भी चाहते हैं कि आप अपना प्रयास करें। बता दें कि न केवल सऊदी अरब (Saudi Arabia) बल्कि यूएई और कतर भी अब सीधी आर्थिक सहायता देने के बजाय अपने सहयोगी देश में निवेश करने की नीति पर अब बल दे रहे हैं। इस वजह से अब पाकिस्तान को अपनी कंपनियां और अन्य चीजें बेचनी होंगी। इससे पहले सऊदी मीडिया ने कहा था कि वह पाकिस्तान में अपने निवेश को 10 अरब डॉलर तक ले जाने की इच्छा रखता है। इसके अलावा सऊदी अरब पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में 5 अरब डॉलर जमा कराएगा। सऊदी के इस नए रुख से पाकिस्तान को अब भविष्य में डॉलर की खैरात लेने में पसीने छूटना तय है।
सऊदी ने अब तक कई बार पाकिस्तान को इस संकट से उबारा है लेकिन अब वह चाहता है कि पाकिस्तान आईएमएफ के प्रोग्राम में शामिल हो। यही नहीं चीन भी अब पाकिस्तान को बिना शर्त खैरात देने से परहेज कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए संकट यह है कि अगर वह आईएमएफ के प्रोग्राम में शामिल होते हैं तो देश में करीब 70 फीसदी मंहगाई बढ़ जाएगी। इससे उनका चुनाव जीतना लगभग असंभव हो जाएगा। यही वजह है कि शहबाज इस फैसले से बच रहे हैं।
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