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Pakistan का भीख मांगना आया काम,Saudi Arab कंगाल मुल्क की झोली में डाल सकता है 5 अरब डॉलर

पाकिस्तान को मिली सऊदी मदद

Saudi Arabia Loan to Pakistan: आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान इस वक्त खून के आंसू रो रहा है। पाकिस्तान में इस वक्त हाल बद से बदतर होते जा रहा है। मुल्म में गरीबों पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि लोग वहां रोटी के लिए तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। ऐसे में पाकिस्तान आर्थिक मदद के लिए कभी पूरब की ओर देखता तो कभी पश्चिम। कभी चीन से कर्ज लेता है तो कभी सऊदी अरब के आगे हाथ फैलाता है। हर चुनाव और राजनीतिक हलचल के साथ इस्लामाबाद में सिर्फ चेहरे बदलते हैं, पाकिस्तान की बदहाली स्थिर बनी रहती है। वहीं बीते दिनों पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर देश को आर्थिक संकट (Financial crisis) से निकालने के लिए सऊदी अरब पहुंचे थे। अब कुलमिलाकर ऐसा लग रहा है कि उनकी इस यात्रा का काफी फायदा हुआ है । ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सऊदी सरकार पाकिस्तान को 5 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दे सकती है।

क्राउन प्रिंस और मुल्क के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान में सऊदी अरब के निवेश को 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का निर्देश दिया है। इससे पहले 25 अगस्त 2022 को सऊदी अरब ने पाकिस्तान में निवेश की घोषणा की थी। खबर के अनुसार बिन सलमान ने सऊदी डेवलेपमेंट फंड (SDF) को सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान (सीबीपी) को सऊदी अरब की ओर से दी गई राशि को बढ़ाने का अध्ययन करने का निर्देश दिया।

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अब मुनीर पहुंचे सऊदी अरब

2 दिसंबर 2022 को बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर कर दिया गया था। इसी के साथ सऊदी अरब ने पाकिस्तान की अर्थव्यस्था के लिए समर्थन की पुष्टि की है। पिछले साल अप्रैल में सत्ता में आने के बाद शहबाज शरीफ अपने पहले विदेशी दौरे पर सऊदी अरब गए थे। पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख रि. जनरल बाजवा भी आर्थिक मदद मांगने के लिए सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे। नवंबर में पाक सेना की कमान संभालने वाले जनरल असीम मुनीर भी पिछले गुरुवार को रियाद पहुंचे थे।

पाकिस्तान चौतरफा संकट से घिरा

पाक पीएम शहबाज शरीफ रविवार को जिनेवा के लिए रवाना हुए। वह पिछले साल आई भयानक बाढ़ के दुष्प्रभाव से मुल्क को उबारने के लिए 16 अरब डॉलर का फंड इकट्ठा करने यूरोप पहुंचे हैं। खबरों में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के पास नकदी जल्द ही खत्म होने वाली है। अपनी तरफ बढ़ते इस संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है।